केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, राज्यों को अपने यहां के हालात के हिसाब से नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने के अधिकार होंगे, लेकिन केंद्र से चर्चा किए बग़ैर वे कंटेनमेंट ज़ोन से बाहर लॉकडाउन का फैसला नहीं ले पाएंगे.
मामला तिरुवनंतपुरम के पुन्थुरा इलाके का है. इलाके में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद प्रशासन ने उसको कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया था. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस परीक्षण के लिए नमूना लेने के बाद बिना रिपोर्ट आए लोगों को क्वारंटीन सेंटर ले जा रहे थे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की टिप्पणी ने दिल्ली के लोगों के मन में भय पैदा कर दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जुलाई के अंत तक राष्ट्रीय राजधानी में 5.5 लाख कोविड-19 मामले दर्ज होंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि मामलों में इतनी बढ़ोतरी नहीं होगी.
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के आकलन के लिए 27 जून से सात जुलाई के बीच सेरोलॉजिकल सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसके तहत 20,000 लोगों के सैंपल लिए जाएंगे.
ग़ैर कंटेनमेंट ज़ोन में आठ जून से रेस्तरां, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थान खुलेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए दिशानिर्देश जारी करेगा. सरकार ने लॉकडाउन 5.0 को ‘अनलॉक-1’ का नाम दिया है.