भारतीय चिकित्सा परिषद ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से अधिकृत जम्मू कश्मीर और लद्दाख के मेडिकल कॉलेजों को परिषद द्वारा मान्यता नहीं दी गई है, जिसके कारण यहां से से शिक्षा पाने वाले लोग देश में आधुनिक चिकित्सा की प्रैक्टिस के लिए पंजीकरण हासिल करने के योग्य नहीं हैं.
एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहे कश्मीर के तीन छात्रों पर पुलिस ने राजद्रोह और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुच्छेद 370 हटाने का फायदा बताने के लिए जम्मू कश्मीर के करीब 70 छात्र-छात्राओं से मुलाकात की. इस दौरान मीडिया कवरेज पर पूरी तरह से पाबंदी रही. एक टीवी चैनल पर कार्यक्रम का प्रसारण हुआ, लेकिन कश्मीरी छात्र-छात्राओं के सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू होने के साथ प्रसारण रोक दिया गया.
मामला राजस्थान के अलवर का है. पीड़ित के भाई का आरोप है कि पुलिस स्टेशन में उनके भाई से इस तरह से पूछताछ की जा रही थी, जैसे वह खुद ही आरोपी हैं. कॉलेज प्रशासन ने भी किसी तरह का सहयोग नहीं दिया.
कश्मीर घाटी में रह रहे अपने परिवार से बात न होने पाने की वजह से लोग चिंतित. लोगों का कहना है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने ऐसा फैसला किया है जिससे शांति स्थापित होने की जगह आक्रोश और भड़केगा.
मानवाधिकारों से जुड़े समूह पीपुल्स कमीशन ऑन श्रिंकिंग डेमोक्रेटिक स्पेस ने देश में शिक्षा व्यवस्था का हाल जानने के लिए 17 राज्यों में 50 शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों से बात कर रिपोर्ट जारी की है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर संघीय भारत का अभिन्न हिस्सा है लेकिन वहां स्थित विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी संस्थान और अन्य शैक्षणिक संस्थान न तो भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए हैं और न ही यूजीसी जैसी संस्थाओं द्वारा प्रमाणित हैं.
बीते शनिवार को शहला राशिद ने एक ट्वीट में दावा किया था कि गुस्साई भीड़ की वजह से देहरादून के हॉस्टल में कुछ कश्मीरी लड़कियां फंसी हुई हैं. पुलिस कहा कहना है कि उनका ये दावा ग़लत था और इसी वजह से उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज किया गया है.
देहरादून के बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान और अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने पत्र जारी कर कहा कि वे अगले सत्र से किसी भी कश्मीरी छात्र का एडमिशन नहीं करेंगे.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद समेत हिंदुत्व संगठनों के सदस्यों ने राज्य में कश्मीर के 12 छात्रों की पिटाई कर दी थी. इसके बाद से ही राज्य में कश्मीरी छात्रों के बीच डर का माहौल है. हालांकि पुलिस ऐसी किसी घटना से इनकार कर रही है.
आरोप है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आतंकी मन्नान वानी की नमाज़-ए-जनाज़ा पढ़ने की कोशिश के दौरान कश्मीरी छात्रों ने देश विरोधी नारे लगाए. तीन लोगों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज. 1200 से ज़्यादा कश्मीरी छात्रों की मांग है कि ये मुक़दमा वापस लिया जाए.