सरकारी दस्तावेज़ों से पता चलता है कि खरीफ 2020-21 सीजन में सरकार ने 51.91 लाख टन दालें एवं तिलहन खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन इसमें से महज 3.08 लाख टन खरीद हुई है. इसके लिए 10.60 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन 1.67 लाख को ही लाभ मिला है.
वीडियो: हरियाणा और उत्तर प्रदेश में तेज़ी से किसान महापंचायत अपना विस्तार कर रही हैं, जहां खुलकर सत्ता की नीतियों के बारे में चर्चा की जा रही है और किसानों को कृषि क़ानून और इससे जुड़े पहलुओं को समझाने का प्रयास किया जा रहा है. इस बारे में बता रहे हैं द वायर के पॉलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजॉय आशीर्वाद.
मामला उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले का है. ज़िलाधिकारी ने बताया कि सभी 20 किसानों को जारी नोटिस पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर निरस्त कर दिया गया. कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों को भड़काने के आरोप में इन किसानों को पहले प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपये के नोटिस जारी किए गए थे बाद में उसमें संशोधन कर 50 हज़ार रुपये किया गया था.
उत्तर प्रदेश के संभल जिले का मामला. केंद्र सरकार के तीन नए विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों को भड़काने के आरोप में किसान नेताओं को 50 लाख रुपये (प्रति नेता) के नोटिस जारी किए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि ये नोटिस ग़लती से गए, जल्द ही 50 हजार रुपये के नए नोटिस जारी किए जाएंगे.
विशेष रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश में धान की ख़रीद शुरू होने पर योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि किसी भी किसान को एमएसपी से कम मूल्य पर अपने कृषि उत्पादन नहीं बेचना है. हालांकि सरकारी आंकड़ों के मुकाबले प्रदेश की मंडियों में एमएसपी से कम पर बिक्री तो हो ही रही है, सरकारी ख़रीद भी काफी कम है. रफ़्तार इतनी धीमी है कि ख़रीद केंद्र एक दिन में दो किसानों से भी धान नहीं ख़रीद पा रहे हैं.
अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी सुनिश्चित करने से इनकार किया, साथ ही वह पंजाबी और सिखों से जुड़े मुद्दों पर लगातार असंवेदनशीलता दिखा रही है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस कदम को अकाली दल की राजनीतिक मजबूरी बताया है.
किसान के प्रतिरोध में सिर्फ किसान रहें, मजदूर प्रतिरोध में सिर्फ मजदूर, दलितों के विरोध में सिर्फ दलित, यह भी अत्याचार को बनाए रखने का एक तरीका है. यह विरोध का संप्रदायवाद है. सत्ता इसलिए कहती है कि किसान का विरोध तब अशुद्ध है जब उसमें छात्र और व्यापारी शामिल हों.
मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का है. किसान पिछले दो दिनों से सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान पुलिस और किसानों में झड़प हो गई जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए हैं. इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है.
जन गण मन की बात 208वीं कड़ी में विनोद दुआ महाराष्ट्र में किसानों के प्रदर्शन और 2009 में हुई मेंगलुरु पब हिंसा मामले में श्रीराम सेना के प्रमोद मुतालिक के बरी होने पर चर्चा कर रहे हैं.
वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने आरोप लगाया कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने जिन मुद्दों का विरोध किया था, सरकार में आने के बाद उन मुद्दों को स्वीकार कर रही है.