भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो अस्तुतो ने कहा कि भारतीय संविधान बिना किसी भेदभाव के कानून के समक्ष बराबरी की बात करता है. हम इन सिद्धांतों को साझा करते हैं. मुझे यकीन है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की चर्चाओं का नतीजा भारतीय संविधान द्वारा स्थापित उच्च मानकों के अनुरूप निकलेगा.
नागरिकता संशोधन विधेयक के लागू न होने बावजूद उत्तर पूर्व के विभिन्न राज्यों में इसके ख़िलाफ़ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को सही ठहराने के लिए लोकसभा में कई तर्क दिए जो झूठ की बुनियाद पर खड़े हैं.
इस साल जनवरी में संयुक्त संसदीय समिति द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने इस विधेयक के पुराने संस्करण पर गहरी चिंता व्यक्ति की थी.
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक एवं संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इसमें न केवल धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है बल्कि यह सामाजिक परंपरा और अंतरराष्ट्रीय संधि के भी खिलाफ है.
नागरिकता संशोधन विधेयक को ‘गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम’ बताते हुए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग ने कहा कि विधेयक के लोकसभा में पारित होने से वह बेहद चिंतित है.
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े. इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.
वीडियो: बीते चार दिसंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तमाम विरोधों के बावजूद नागरिकता संशोधन विधेयक को मंज़ूरी दे दी. पूर्वोत्तर के राज्यों, खासकर असम में इसे लेकर काफी प्रतिरोध हो रहा है. नॉर्थ ईस्ट डायरी में इस विषय पर द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ओबीसी श्रेणी में 8 लाख रुपये तक प्रति वर्ष आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ मिलेगा.