एनजीटी ने कंपनी को खनन के लिए वन भूमि का इस्तेमाल करने, रसायन और कोयले का पानी खेतों में डालकर किसानों की फसल बर्बाद करने, ग्रीन बेल्ट का निर्माण न करने, खुले ट्रक में कोयला ले जाने, पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाने और प्रदूषण के पीड़ितों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया न कराने का दोषी पाया है.
कोयला खनन से जुड़े श्रम संगठन कोयला निकासी क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की केंद्र सरकार की नीति का विरोध कर रहे हैं. अखिल भारतीय कोयला श्रमिक महासंघ ने बताया कि हड़ताल में पूरे भारत से तक़रीबन पांच लाख कर्मचारी शामिल हुए.