मेघालय के स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने बताया कि स्वास्थ्य तंत्र के कोविड-19 महामारी से निपटने में लगे होने और चिकित्सा देखभाल की कमी के कारण बीते अप्रैल से जुलाई महीने के दौरान इन गर्भवती महिलाओं और नवजातों की मौत हुई है.
नोएडा में बीते दिनों नौ महीने की गर्भवती महिला के इलाज के लिए परिवार वाले 13 घंटे तक अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, पर इलाज न मिलने पर एंबुलेंस में ही महिला की मौत हो गई. एक अन्य मामले में गर्भवती महिला ने समय पर इलाज न मिलने पर अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर मृत बच्चे को जन्म दिया था.