गोरखपुर की ज़िला अदालत ने एक गैंगरेप मामले में योगी आदित्यनाथ के भड़काऊ भाषण पर याचिका डालने वाले कार्यकर्ता परवेज परवाज़ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उनके साथियों का कहना है कि भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ याचिका डालने के चलते उन्हें फ़र्ज़ी मामले में फंसाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के महराजगंज का एसपी रहते आईपीएस अधिकारी जसवीर सिंह ने वर्तमान मुख्यमंत्री एवं गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को रासुका के तहत गिरफ्तार किया था.
सामाजिक कार्यकर्ता परवेज़ परवाज़ के खिलाफ गैंगरेप का यह मामला पहली विवेचना में फर्जी पाया गया था, दोबारा विवेचना के बाद उनकी गिरफ़्तारी हुई.
योगी आदित्यनाथ पर 2007 में कथित भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ़्तों के भीतर जवाब मांगा है.
कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं की संशोधित याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त तय की है.
कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि मान लीजिए पुलिस ने चार लोगों के ख़िलाफ़ मजिस्ट्रेट के सामने चार्जशीट दाखिल कर दी है लेकिन आगे की कार्रवाई के लिए सरकार की अनुमति चाहिए, जो नहीं दी गई, तब क़ानूनन मजिस्ट्रेट क्या करे.
जन गण मन की बात की 91वीं कड़ी में विनोद दुआ गोरखपुर दंगा मामले में योगी आदित्यनाथ को बचाने की यूपी सरकार की कोशिश पर चर्चा कर रहे हैं.
गोरखपुर में 2007 में हुए दंगों के मामले में योगी पर भीड़ को उकसाने का आरोप है. कोर्ट ने तलब किया तो मुख्य सचिव बोले, मुक़दमा चलाने की इजाज़त नहीं दी है.