चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए घोषणापत्र जारी करने की समयसीमा निर्धारित कर दी है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मतदान से पहले और प्रचार थमने के बाद चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं होंगे.
प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने कहा कि नागरिकों की याददाश्त अल्पकालिक होने की वजह से चुनावी घोषणा पत्र कागज के टुकड़े बनकर रह जाते हैं.