कोर्ट ने वॉट्सऐप ग्रुप के एक एडमिन के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर ख़ारिज की, जिसमें आरोप था कि एक मेंबर द्वारा महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. अदालत ने कहा कि महज़ एडमिन होने मात्र से ये साबित नहीं होता है कि मैसेज में उनकी सहमति शामिल थी.
फेसबुक के स्वामित्व वाले सोशल नेटवर्किंग मंच वॉट्सऐप ने जनवरी में अपनी नई निजता नीति को 8 फरवरी से लागू करने की घोषणा की थी, जिसे दुनियाभर में कड़ी आलोचना के बाद 15 मई तक टाल दिया गया था.
फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने हाल ही में अपनी निजता पॉलिसी में बदलाव किया था, जिसे स्वीकार करने की आख़िरी तारीख आठ फरवरी तय की गई थी. इन बदलावों की वजह से वॉट्सऐप को भारत सहित वैश्विक स्तर पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था.