पीठ के सामने ये सवाल था कि सरकार द्वारा सरकारी खजाने में जमा कराए गए मुआवजे को 'मुआवजा अदा किया गया' माना जाएगा या नहीं. इसे लेकर कोर्ट को भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 की धारा 24(2) की व्याख्या करनी थी.
कई किसान संगठनों और व्यक्तियों ने भूमि अधिग्रहण क़ानून के प्रावधानों को चुनौती देने संबंधी मामले की सुनवाई में जस्टिस अरुण मिश्रा के शामिल होने पर आपत्ति जताई है. उनकी दलील है कि जस्टिस मिश्रा पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनाए गए फैसले में पहले ही अपनी राय रख चुके हैं.
याचिका दाखिल करने में अप्रत्याशित देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार पर जुर्माना लगाया, साथ ही सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि देरी के लिए सरकारी कामकाज में सुस्ती को बहाना नहीं बनाया जा सकता है.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक समारोह में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि वे मौजूदा आरक्षण व्यवस्था को ठीक नहीं मानतीं, इसके चलते उन्हें कई बार अप्रिय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि अधिनियम के तहत वास्तव में दावों का खारिज होना आदिवासियों को बेदखल करने का आधार नहीं है. अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर दावे के खारिज होने के बाद किसी को बेदखल किया जाए.
जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा एकत्र आंकड़ों के अनुसार 30 नवंबर, 2018 तक देश भर में 19.39 लाख दावों को खारिज कर दिया गया था. इस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद करीब 20 लाख आदिवासी और वनवासियों को जंगल की ज़मीन से बेदखल किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से 16 राज्यों के आदिवासी प्रभावित होंगे.
सुप्रीम कोर्ट के कुछ सीनियर जजों ने जस्टिस केएम जोसेफ की वरिष्ठता को लेकर आपत्ति जाहिर की थी. जजों का तर्क है कि चूंकि कॉलेजियम ने पहले ही जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी इसलिए उन्हें पहले नंबर पर रखा जाना चाहिए.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत शरण भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त. जस्टिस गीता मित्तल जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं.