सरकार ने जून 2020 में 59 अन्य ऐप के साथ टिकटॉक और हेलो पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया था और सितंबर में 118 अन्य ऐप पर रोक लगा दी थी. पिछले हफ्ते कंपनियों को बताया कि उनके ऐप पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी रहेगा. टिकटॉक की ओर से कहा गया है कि उसने टीम की संख्या कम करने का फैसला किया है, जिसका असर भारत में भी पड़ेगा.
सरकार का कहना है कि ये मोबाइल ऐप भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के प्रति पूर्वाग्रह वाली गतिविधियों में शामिल थे. इससे पहले सरकार चीन से संबंधित 100 से अधिक मोबाइल ऐप प्रतिबंधित कर चुकी है.
एप्पल और गूगल ऐपस्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध न होने के लिए टिकटॉक पर लगाया गया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का यह प्रतिबंध रविवार रात 12 बजे से प्रभावी होने वाला था.
अमेरिका ने शुक्रवार को चीनी स्वामित्व वाले मैसेजिंग ऐप वीचैट और टिकटॉक को 20 सितंबर, 2020 से डाउनलोड करने से रोकने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. हालांकि शनिवार को डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक के अमेरिका में काम करते रहने के लिए एक सौदे का समर्थन किया है.
बीते जून माह में सरकार ने देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बताते हुए टिकटॉक और यूसी ब्राउज़र सहित चीन से संबंधित 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद जुलाई में चीन से जुड़े 47 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया था.
अमेरिका में टिकटॉक और वीचैट जैसे चीनी ऐप पर 45 दिनों में लागू होगा प्रतिबंध. भारत टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश है. भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए यह प्रतिबंध लगाया था.
इनमें से अधिकतर उन चाइनीज़ ऐप्स के क्लोन या उन्हीं के समान ऐप्स हैं, जिन्हें बीते जून महीने में प्रतिबंधित किया गया था.
वीडियो: बीते 29 जून को सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत में प्रचलित चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया. इनमें टिकटॉक, हैलो, वीचैट, यूसी ब्राउजर जैसे प्रमुख ऐप भी शामिल हैं. इस मुद्दे पर इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक अपार गुप्ता से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
ये प्रतिबंध लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं. सरकार ने कहा है कि ये ऐप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं. टिकटॉक की ओर से कहा गया है कि वे इस आदेश की अनुपालन की प्रक्रिया में हैं. उन्हें जवाब और स्पष्टीकरण देने के लिए आमंत्रित किया गया है.
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई पीठ ने कहा कि टिकटॉक ऐप अश्लीलता को बढ़ावा देता है. अदालत ने मीडिया को भी इस ऐप के माध्यम से बनाए गए वीडियो का प्रसारण न करने का निर्देश दिया.