आईआरसीटीसी द्वारा संचालित देश की पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस लखनऊ-नई दिल्ली और अहमदाबाद से मुंबई के बीच चल रही थीं. कोरोना महामारी से पहले 50-80 फीसदी सवारियों के साथ चलने वाली 736 सीटों वाले इस ट्रेन में अब केवल 25 से 40 फीसदी सवारी यात्रा कर रहे थे.
रेलवे के नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए यह पहला क़दम है. रेलवे ने कहा कि इससे निजी क्षेत्र से क़रीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि रेल ग़रीबों की एकमात्र जीवन-रेखा है और सरकार उनसे यह भी छीन रही है. जनता इसका क़रारा जवाब देगी.
देश की पहली निजी ट्रेन दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस 19 अक्टूबर को तीन घंटे से भी अधिक देरी से चली थी, जिसके लिए आईआरसीटीसी द्वारा उस दिन सफर करने वाले 950 यात्रियों को मुआवज़ा दिया जाएगा.
नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत द्वारा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव को लिखे गए एक पत्र में कहा गया है कि ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों के निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक अधिकार प्राप्त समूह गठित किया जाएगा.
लखनऊ से दिल्ली जाने वाली पहली निजी सेमी हाईस्पीड ट्रेन ‘तेजस एक्सप्रेस’ को बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये दो ट्रेनें प्रयोग के आधार पर दी जाएंगी और हमें उम्मीद है कि अगले 100 दिन में हम कम से कम एक को चला पाएंगे. दूसरी ट्रेन को भी जल्द चिह्नित किया जाएगा.
ट्रेन को महाराष्ट्र के चिपलुन स्टेशन पर रोककर यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के बाद सभी यात्री ख़तरे से बाहर हैं.