बीते मार्च महीने में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा था कि अगर हमें पता ही नहीं होगा कि कौन संक्रमित है तो हम इस महामारी को नहीं रोक सकते. उन्होंने कोरोना वायरस से बचने के लिए अधिक से अधिक टेस्ट करने की ज़रूरत पर बल दिया था, लेकिन वर्तमान में भारत में डब्ल्यूएचओ की इस सलाह के उलट होता दिख रहा है.
यह मुंबई के राजावाड़ी अस्पताल का मामला है. पारिवारिक विवाद में एक युवक की हत्या कर दी गई थी, जिनके शव की कोरोना जांच में उसे संक्रमित पाया गया. अस्पताल को शक़ है कि ग़लती से शव किसी और को सौंप दिया गया है.
रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल केवल दिल्ली के ही रहवासियों का इलाज करेंगे. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसे पलटते हुए प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करे कि रहवासी होने के आधार पर किसी भी मरीज़ को इलाज के लिए मना न किया जाए.
दिल्ली के नीरज कुमार का कहना है कि उनके कोरोना संक्रमित पिता को जनकपुरी के एक अस्पताल से लाकर एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती किया गया था. अस्पताल के सभी वार्ड चेक करने पर भी उनके पिता नहीं मिले और न ही अस्पताल प्रशासन से पूछने पर उन्हें सीधा जवाब दिया गया. इसी अस्पताल में एक कोविड मरीज़ के शव की अदला-बदली होने का मामला भी सामने आया है.
वीडियो: दिल्ली के मौजपुर इलाके में रहने वाले आशीष जैन के परिवार में उनके पिता और भाई कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, लेकिन उनकी जांच करवाने के लिए आशीष को दिल्ली के कई अस्पतालों में भटकना पड़ा. हाल ये है कि टेस्टिंग किट की कमी, अस्पतालों की अव्यवस्था और सही जानकारी तक उपलब्ध न कराने जैसी कई दिक्कतों का सामना लोग कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री की इस घोषणा से एक दिन पहले राज्य सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने सिफारिश की थी कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर शहर के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल केवल दिल्लीवालों के उपचार के लिए होना चाहिए.
दिल्ली में कोविड मरीज़ों को बेड न मिलने की बढ़ती शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अस्पताल में बेड्स की कोई कमी नहीं है. अब से अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता पर नज़र रखने के लिए दिल्ली सरकार हर निजी अस्पताल में एक चिकित्सा पेशेवर को तैनात करेगी.
दंगा प्रभावित लोगों के लिए आम जनता की तरफ से किए जा रहे सभी प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं है. दंगे में अपना सब कुछ खो चुके निर्दोष लोगों को सरकार की तरफ से सम्मानजनक मदद मिलनी चाहिए थी न कि उन्हें समाज के दान पर निर्भर रहना पड़े.
समाज में मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह तो पहले से ही मौजूद था, संघ की छत्रछाया में उनके ख़िलाफ़ सतत तरीके से चलाए गए अभियान को अब लहलहाने के लिए उपजाऊ ज़मीन मिल गई है.
दिल्ली में हुए दंगे के दौरान मारे गए आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके शरीर पर मिले चोट के निशान में चाकू से गोदे जाने के 12 निशान हैं.
देश के सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने ट्वीट कर कहा था कि विदेश मंत्रालय ने अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास से भारत विरोधी व्यवहार को लेकर वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशियाई डिप्टी ब्यूरो चीफ एरिक बेलमैन को तत्काल प्रभाव से वापस भेजने के एक अनुरोध को देखने के लिए कहा है. हालांकि विदेश मंत्रालय ने इस ख़बर का खंडन किया है.
निलंबित आप पार्षद हुसैन पर पिछले महीने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान खुफिया ब्यूरो के एक कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का भी आरोप है.
अपने अभूतपूर्व आदेशों में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केरल के दोनों चैनलों मीडिया वन और एशियानेट न्यूज टीवी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक समुदाय का पक्ष लेने और दिल्ली पुलिस और आरएसएस की आलोचना को कारण बताया था.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस विक्रमजीत सेन और जस्टिस एके पटनायक ने लीगल सर्विस अथॉरिटी और लॉ के छात्रों से गुजारिश की है कि वे पीड़ितों की मदद करें.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगों के बाद हजारों लोग उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अपने पैतृक गांवों में चले गए हैं.