चुनाव आयोग द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म की रिलीज़ पर रोक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे फिल्म देखकर इस पर रिपोर्ट देने को कहा था. रिपोर्ट में आयोग ने कहा कि फिल्म पूरी तरह से एक-आयामी है, जो एक व्यक्ति की बेहद तारीफ करते हुए उसे संत का दर्जा दे देती है. आचार संहिता के दौरान इसका प्रदर्शन चुनावी संतुलन को एक ओर झुका देगा.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह 22 अप्रैल तक अपना जवाब एक सीलबंद लिफाफे में अदालत में जमा कराएं.