हरियाणा सरकार ने इस महीने की शुरुआत में निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के युवाओं के लिए 75 फीसदी आरक्षण देने वाले क़ानून को मंज़ूरी दी थी. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि यह क़ानून कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.
झारखंड सरकार की रोज़गार नीति के अनुसार, यह आरक्षण 30,000 रुपये प्रति महीने तक के वेतन वाली नौकरियों पर लागू होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसकी घोषणा आगामी विधानसभा सत्र के दौरान करेंगे. इसके अलावा बेरोज़गारों को एक वर्ष के लिए राज्य सरकार की ओर से पांच हज़ार रुपये प्रति माह भत्ता दिया जाएगा.