सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए जो पर्यावरण मंज़ूरी दी गई है तथा भूमि उपयोग में परिवर्तन के लिए जो अधिसूचना जारी की गई है, वे वैध हैं.
बीते सात दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सिर्फ़ सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन के आधारशिला कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं किया जाएगा.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार इस शर्त पर शिलान्यास की अनुमति दी कि सेंट्रल विस्टा परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं किया जाएगा.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन का निर्माण मौजूदा इमारत के नज़दीक ही किया जाएगा. इस परियोजना का विभिन्न स्तरों पर विरोध भी हो रहा है. परियोजना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी, बीते मई महीने में शीर्ष अदालत ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
विश्व की सबसे बड़ी सिंचाई और पेयजल कालेश्वरम बहुउद्देशीय लिफ्ट सिंचाई परियोजना का उद्घाटन पिछले साल मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने किया था. एनजीटी ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि पेयजल आपूर्ति को छोड़कर वे अगले आदेश तक इस प्रोजेक्ट के सभी कामों पर रोक लगाएं.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन का निर्माण मौजूदा इमारत के नज़दीक ही किया जाएगा. इसके 21 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है. इस प्रोजेक्ट को लेकर पर्यावरणविदों द्वारा लगातार चिंता व्यक्त की गई है.
संसद भवन एक जीवित विरासत स्थल है, जो आज़ाद भारत के कई ऐतिहासिक पलों का साक्षी रहा है. एक समृद्ध ऐतिहासिक इमारत को किनारे कर एक नए संसद भवन के निर्माण की योजना समझ से बाहर है.
केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा गया है कि मौजूदा इमारत में सुरक्षा संबंधी कई समस्याएं हैं और साल 2026 में सांसदों की संख्या बढ़ने के बाद अतिरिक्त जगह की ज़रूरत होगी इसलिए इस प्रोजेक्ट की ज़रूरत है.
मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बावजूद विभिन्न अथॉरिटीज़ प्रोजेक्ट से जुड़ी निर्माण गतिविधियों के लिए सहमति दे रहे हैं, इसलिए इससे संबंधी किसी भी मंज़ूरी पर रोक लगानी चाहिए.
नया संसद भवन केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना का एक हिस्सा है, जिसमें 922 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर मौजूदा संरचना से सटे भूखंड पर एक नया परिसर बनाना शामिल है.