सरकार का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दे दिया. नौ माह तक चले गतिरोध के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों से सैनिकों को हटाने की सहमति बनी है.
केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने कहा कि आप में से किसी को भी पता नहीं है कि हमने कितनी बार अतिक्रमण किया. चीनी मीडिया इसे कवर नहीं करता है. मैं आपको आश्वस्त करता हूं, अगर चीन ने 10 बार अतिक्रमण किया है, तो हमने कम से कम 50 बार किया होगा.
भारत और चीन के बीच बीते साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चल रहा है. गतिरोध ख़त्म करने लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग कहा कि जंगनान क्षेत्र (दक्षिण तिब्बत) पर चीन की स्थिति स्पष्ट है. हमने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी. हमारे अपने क्षेत्र में विकास और निर्माण गतिविधियां होना सामान्य है.
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के विवादित क्षेत्र में क़रीब सवा साल में एक गांव बसा दिया है. भारत और चीन के बीच यह क्षेत्र 1959 से विवादित है, लेकिन तब यहां चीन की एक सिर्फ़ मिलिट्री पोस्ट थी. मामला सामने आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है.
स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी मैक्सर द्वारा जारी तस्वीरें दिखाती हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप चीन ने रक्षात्मक दृष्टि से निर्माण किया है. विशेषज्ञों के अनुसार उनके द्वारा इसी ज़रिये भारतीय सीमा में घुसपैठ की गई होगी. तस्वीरों में टैंक आदि हथियार से लैस वाहन भी देखे गए हैं.
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा सांसद तापिर गाव ने एक साक्षात्कार में अरुणाचल प्रदेश में 50-60 किलोमीटर क्षेत्र पर चीन की सेना के कब्ज़े का दावा किया है जिस पर सरकार को तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए.
भारत और चीन के बीच व्यापार प्रतिबंध लगाने से सबसे ज़्यादा नुकसान मध्यम और निम्न आय वर्ग वालों को ही झेलना पड़ेगा. भारत में चीन के बने सामानों की मांग इसलिए ज़्यादा है, क्योंकि अन्य देशों के उत्पादों की तुलना में ये सस्ते और भारत की बड़ी आबादी की आय क्षमता के अनुकूल रहते हैं.
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर दोनों देशों के बीच तल्ख़ी आ गई है. भारत में इसे लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज़ हो गई है.
भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा है, न किसी पोस्ट को क़ब्ज़े में लिया गया है. इस पर सवाल उठने के बाद पीएमओ ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की 'शरारतपूर्ण व्याख्या' की कोशिश की जा रही है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने बीते शुक्रवार अपना दावा दोहराया था कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर है. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन का दावा ख़ुद उनके द्वारा अतीत में अपनाए गए रुख के अनुरूप नहीं है.
चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पहली बार गलवान घाटी पर दावा जताने के बाद 16 जून को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था चीनी पक्ष गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर बनी सहमति के ख़िलाफ़ गया है.
भारत-चीन सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा था न किसी पोस्ट को कब्ज़े में लिया गया था. उनके बयान पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं.
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद चीन द्वारा कुछ भारतीय सैनिकों को बंधक बनाने की बात सामने आई थी, लेकिन सेना ने किसी भी सैनिक के लापता होने से इनकार किया था. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने गुरुवार शाम को एक लेफ्टिनेंट कर्नल और तीन मेजर समेत 10 सैन्यकर्मियों को रिहा किया है.
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है.