कुलपतियों के कारनामे अब देश के विश्वविद्यालयों का मौसम बन गए हैं. विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा और गुणवत्ता दोनों पर दाग लग रहे हैं. बड़बोलेपन में राजनीतिक नेताओं को भी मात करने वाले कुलपतियों के ही कारण देश के कई बड़े और श्रेष्ठ उच्च शिक्षण संस्थान इन दिनों बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं.
उत्तर प्रदेश के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव ने कहा था कि अगर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो तो मेरे पास रोते हुए मत आना, बल्कि कभी झगड़ा हो तो पीटकर आना और ज़रूरत पड़े तो मर्डर कर देना, बाकी मैं देख लूंगा.