मामला फ़िरोज़ाबाद ज़िले के जसराना थाना क्षेत्र का है, जहां पिछले दिसंबर में गांव के एक युवक ने रिश्ते में भतीजी लगने वाली दस वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया था. पॉक्सो के तहत गठित विशेष अदालत ने साढ़े तीन महीने के अंदर आरोपी को दोषी करार दिया और मौत की सज़ा सुनाई.
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा के अध्ययन के अनुसार हर साल बाल यौन उत्पीड़न के क़रीब तीन हज़ार मामले सुनवाई के लिए अदालत नहीं पहुंच पाते क्योंकि पुलिस पर्याप्त सबूत न होने के कारण आरोपपत्र दायर करने से पहले ही जांच बंद कर देती है. इसमें 99 फीसदी मामले बच्चियों के यौन शोषण के ही होते हैं.
स्थानीय समाचार वेबसाइट ‘प्रतिबिंब लाइव’ ने असम सरकार के मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की बेटी को गले लगाती एक तस्वीर साझा की थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. पुलिस ने वेबसाइट के मुख्य संपादक और न्यूज़ एडिटर को गिरफ़्तार करते हुए कहा कि यह फोटो ‘गलत मंशा’ से शेयर की गई थी.
छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले में 29 जनवरी को हुई घटना की जानकारी बीते दो फरवरी को मृतक व्यक्ति के बेटे द्वारा उनके लापता होने की सूचना देने के बाद हुई. आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो नाबालिग पीड़िता ज़िंदा थी, जिसने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया.
मामला फिरोज़ाबाद ज़िले का है. अगस्त 2019 में आरोपी ने एक नाबालिग लड़की से बलात्कार किया था. परिजनों का कहना है कि आरोपी लगातार उन पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाते हुए धमकियां दे रहा था, लेकिन शिकायत के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
चेन्नई के एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स की घटना. मामले की सुनवाई के लिए ले जाते समय आरोपियों को वकीलों ने पीटा. कॉम्प्लेक्स के सिक्योरिटी गार्ड के अलावा लिफ्ट आॅपरेटर और पानी सप्लाई करने वाले 22 लोग हैं आरोपी.
मीडिया बोल की 46वीं कड़ी में उर्मिलेश पोक्सो क़ानून में किए गए बदलाव और मीडिया पर चर्चा कर रहे हैं.