‘प्राचीन तकनीक’ को अगर पाठ्यक्रम में शामिल करना ही है, तो इसके पीछे मक़सद मेहनत की भावना को जगाना होना चाहिए. आज किसी शिवकर बापूजी तलपड़े को कोशिश करने और नाकाम होने की छूट होनी चाहिए.
‘प्राचीन तकनीक’ को अगर पाठ्यक्रम में शामिल करना ही है, तो इसके पीछे मक़सद मेहनत की भावना को जगाना होना चाहिए. आज किसी शिवकर बापूजी तलपड़े को कोशिश करने और नाकाम होने की छूट होनी चाहिए.