संसद ने बीते बृहस्पतिवार को पॉक्सो संशोधन विधेयक को मंजूरी दी, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित करने के अलावा बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराध के मामलों में मृत्युदंड तक का भी प्रावधान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने देश में बच्चों के साथ बढ़ते बलात्कार के मामलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस बारे में दिशानिर्देश तैयार करने का निर्णय लिया है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि इस साल अब तक दर्ज 24 हज़ार से अधिक मामलों में से सिर्फ 6,449 मामलों में सुनवाई शुरू हुई है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा, ‘बाल यौन शोषण का सबसे अधिक नजरअंदाज किए जाने वाला वर्ग पीड़ित लड़कों का है. बचपन में यौन शोषण का शिकार होने वाले लड़के जीवन भर गुमसुम रहते हैं.’