इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई बिलकिस बानो को मुआवज़ा और अन्य सुविधाएं देने का आदेश दिया था. बिलकिस ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि अब तक राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया है.
बिलकिस बानो के साथ मार्च 2002 में सामूहिक बलात्कार किया गया था, उस समय वह गर्भवती थीं. उन्होंने गुजरात दंगे में अपने परिवार के सात सदस्यों को खोया था.
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को उनके द्वारा की गयी कार्रवाई के बारे में बताने के लिए 6 हफ़्ते समय दिया है.
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ हुई विभागीय कार्रवाई के बारे में चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है.
बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार कांड में चार पुलिसकर्मियों और दो डाक्टरों को सजा सुनाने के खिलाफ की गई अपील सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है.
दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए बिलकिस ने कहा कि इतने सालों में इंसाफ़ की इस लड़ाई के दौरान सरकार से उन्हें कोई समर्थन नहीं मिला.
गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद में बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों को मार दिया गया था और गर्भवती बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था.