आरटीआई से पता चला है कि बैंकों ने एसएमएस अलर्ट सेवा शुल्क, न्यूनतम शेष शुल्क, लॉकर शुल्क, डेबिट-क्रेडिट कार्ड सेवा शुल्क, खाता बही से बड़ी राशि अर्जित की है.
फीस बढ़ोतरी और शिक्षा के व्यावसायीकरण का विरोध करने के लिए छात्रों के 60 संगठनों तथा कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने भी दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित इस हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है. ट्रेड यूनियनों ने जेएनयू में हिंसा तथा अन्य विश्वविद्यालय परिसरों में इसी तरह की घटनाओं की आलोचना की है.
बैंकों के विलय और उनके निजीकरण के खिलाफ देशभर के बैंकों के संगठनों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों से विशाल जायसवाल की बातचीत.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की थी. इस विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी.
इस विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी. इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी थी.
2012 में क़रीब 81 करोड़ रुपये का क़र्ज़ न चुकाने पर स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने स्टर्लिंग समूह के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया था. 2014 में इसके प्रमोटर्स को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया. लेकिन 2015 में आरबीआई के नियम के ख़िलाफ़ समूह की एक कंपनी को स्टेट बैंक के कंसोर्टियम द्वारा लोन दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की रजिस्ट्री और उसकी संपत्तियों के लिए मिले पट्टे रद्द कर दिए. कोर्ट ने राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अधूरे पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने और उन्हें खरीददारों को सौंपने का आदेश दिया.
केंद्र सरकार का कहना है कि यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत बढ़ाने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के लिए लिया गया है.
देश के कई राज्यों से आए सरकारी बैंक कर्मचारियों ने नई दिल्ली के संसद मार्ग पर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
कोठारी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ रुपये और इलाहाबाद बैंक से 352 करोड़ रुपये का ऋण लिया था. उन्होंने ऋण के ब्याज तक का भुगतान नहीं किया है. उन पर बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक का भा कर्ज़ है.
वित्त वर्ष 2016-17 में हज़ार करोड़ से ऊपर की राशि बट्टे खाते में डालने वाले स्टेट बैंक ने अप्रैल से नवंबर 2017 के बीच न्यूनतम बैलेंस न रखने पर आम ग्राहकों से 1,771 करोड़ का जुर्माना वसूला था.