छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बीते 31 मई को कथित तौर पर एक मुठभेड़ में एक 24 वर्षीय आदिवासी महिला की मौत हो गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला को उसके घर से हिरासत में लिया था और उसके साथ बलात्कार किया गया. उन्होंने दावा किया कि जब उसका शव सौंपा गया तो वह विकृत हो गया था.
बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले के सिलगेर गांव में 20 दिनों से हज़ारों ग्रामीण आंदोलनरत हैं. उनका कहना है कि उन्हें जानकारी दिए बिना उनकी ज़मीन पर राज्य सरकार ने सुरक्षाबल के कैंप लगा दिए हैं. ग्रामीणों को हटाने के लिए हुई पुलिस की गोलीबारी में तीन ग्रामीणों की मौत हुई है, जिसके बाद से आदिवासियों में काफ़ी आक्रोश है.
दंतेवाड़ा और बीजापुर ज़िले के पहाड़ी सिरे पर बसे गमपुर के नौजवान बदरू माडवी को बीते साल जन मिलिशिया कमांडर बताते हुए एनकाउंटर करने का दावा किया गया था. बदरू के परिजनों और ग्रामीणों ने इन आरोपों से इनकार करते हुए न्याय की लड़ाई के प्रतीक के तौर पर उनका शव संरक्षित करके रखा हुआ है.
विशेष रिपोर्ट: साल 2004 में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने 'नक्सल पीड़ित पुनर्वास योजना’ शुरू करते हुए नक्सल पीड़ित व्यक्तियों/परिवारों व आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और पुनर्वास की बात कही थी. योजना के पात्र व्यक्तियों का कहना है कि इसकी ज़मीनी हक़ीक़त कागज़ों पर हुए वादों से बिल्कुल अलग है.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित राजधानी अस्पताल का मामला. घटना की जांच के ज़िलाधिकारी ने आदेश दे दिए हैं. राहुल गांधी ने सरकार से पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद देने की अपील की.
सोशल मीडिया पर सामने आए राजनांदगांव ज़िले के एक वीडियो में पीपीई किट पहने चार सफाई कर्मचारी कोरोना मृतकों के शव कचरा ढोने वाले वाहन में रख शवदाह गृह ले जाते दिख रहे हैं. राजनांदगांव सीएमएचओ का कहना है कि शव वाहन न होने पर ऐसा करना पड़ा. कचरा वाहन को साफ कर सैनिटाइज़ किया गया था.
मंगलवार को प्रदेश में एक दिन में रिकॉर्ड 15,121 नए संक्रमित मिले हैं, जिसमें सर्वाधिक रायपुर में हैं. अधिकारियों के अनुसार बीते दो दिनों से रायपुर में प्रति दिन 100 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. इस बीच राजधानी के बीआर आंबेडकर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स पीपीई किट, दस्तानों, मास्क आदि सुविधाओं को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र सभी सार्वजनिक कार्यक्रम और चुनावी रैलियों को रद्द करने पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि चुनावों के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटने और धार्मिक आयोजनों से संक्रमण बढ़ा है.
बीते शनिवार को बीजापुर-सुकमा ज़िले की सीमा पर जोनागुड़ा गांव के पास नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए थे. इस दौरान सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह लापता हो गए थे. उनकी रिहाई की मांग करते हुए परिवार ने कहा कि उन्हें इस बारे में मीडिया से जानकारी मिली, सरकार द्वारा कुछ नहीं बताया गया.
शनिवार दोपहर छत्तीसगढ़ में बीजापुर-सुकमा ज़िले की सीमा पर जगरगुंड़ा थाना क्षेत्र (सुकमा जिला) के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के पास नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच तीन घंटे चली मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के दौरान 18 अन्य जवानों के लापता होने की जानकारी मिली थी.
विशेष रिपोर्ट: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले के सुपेबेड़ा गांव के लोगों के अनुसार बीते डेढ़ दशक में भूजल प्रदूषण के कारण सवा सौ से अधिक लोग गुर्दे की बीमारी के चलते जान गंवा चुके हैं. ग्रामीणों के मुताबिक़ कांग्रेस ने सरकार बनने पर शुद्ध पानी, मुआवज़े और इलाज का वादा किया था पर दो साल बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ.
17 दिसंबर 2018 को भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री नियुक्त होने के बाद ऐसे दावे भी सामने आए थे कि कांग्रेस आलाकमान ने बघेल और टीएस सिंहदेव को ढाई-ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त करने का फैसला किया है. मीडिया एक धड़े में फ़िर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने यह प्रतिक्रिया दी.
बीते 29 मई को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मृत्यु के बाद ख़ाली हुई इस सीट के लिए उपचुनाव कराया गया था. राज्य बनने के बाद यह सीट उन्हीं के परिवार के पास थी. यह पहली बार है कि इस सीट से जोगी परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ सका.
सामुदायिक वन अधिकारों में लघु वनोपज का मालिक़ाना हक़, मछली और जल निकायों के उत्पादों के प्रयोग, कमज़ोर आदिवासी समूहों के निवास स्थान जैसे अधिकार शामिल हैं. राज्य सरकार का कहना है कि अब तक चार लाख से अधिक व्यक्तिगत और 46 हज़ार से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्र जारी किए गए हैं.
ये राज्य मुख्य रूप से भाजपा शासित और उन दलों की सरकार वाले हैं, जो केंद्र की नीतियों का समर्थन करते रहे हैं. चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी संग्रह में 2.35 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का अनुमान है. केंद्र ने क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे. इसके तहत 97,000 करोड़ रुपये रिज़र्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली विशेष सुविधा से या पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपये बाज़ार से उधार लेने का विकल्प