नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष कोनराड संगमा ने पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद बताया कि उनका दल भाजपा के साथ सरकार में है और बीते सप्ताह इस्तीफ़ा देने वाले विधायक मंत्री बने रहेंगे, पर उनके पोर्टफोलियो में बदलाव हो सकता है.
पूर्वोत्तर के भाजपा नेता मणिपुर में एनपीपी विधायकों के इस्तीफ़े के बाद गठबंधन टूटने से ख़तरे में आई भाजपा नीत एन. बीरेन सिंह सरकार को बचाने की हरसंभव क़वायद करते नज़र आ रहे हैं. नाराज़ एनपीपी विधायकों को केंद्रीय नेतृत्व से मिलवाने दिल्ली लाया गया है.
मणिपुर में भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेता और उपमुख्यमंत्री वाई. जॉयकुमार सिंह समेत चार मंत्रियों के इस्तीफ़े बाद सरकार संकट में आ गई है. जॉयकुमार का कहना है कि भाजपा अपने ही सहयोगियों पर हमला करती रहती है, हम ऐसे व्यवहार को कैसे स्वीकार कर सकते हैं.
इरोम ने कहा, ‘मैंने 16 सालों तक मणिपुर में आफ्सपा के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी पर लोगों ने मुझे नकार दिया.’
जब तक इरोम अनशन कर रही थीं, वे मणिपुरी जनता के लिए ‘आइकॉन’ थीं, संघर्ष का प्रतीक थीं, मणिपुर क्या, देश भर के लोग उन्हें ‘हीरो’ मानते थे, पर नायक तो वोट नहीं मांगते! ये कुछ उस तरह था कि भगवान ज़मीन पर आ जाएं, शादी करके आम ज़िंदगी बिताना चाहें या अपने लिए चुनाव में वोट मांगें. उनके ऐसा करते ही उनके भक्त घबरा जाते हैं.
नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायक वाई. जयकुमार को मणिपुर का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है.
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का मानना है कि गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बजाय भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना संविधान सम्मत है. राज्यपाल अपने विवेक से किसी भी पार्टी को न्यौता दे सकता है.
आफ्स्पा के ख़िलाफ़ जब इरोम की लड़ाई शुरू हुई तब मणिपुर के हालात अलग तरह के थे. 16 साल पहले का मणिपुर अब काफी बदल चुका है.
इरोम पीपुल्स रिइंसर्जेंस एंड जस्टिस अलाएंस नाम की पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरी थीं. इरोम से ज़्यादा नोटा को मिले वोट.
16 साल तक आफ्सपा के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल पर रहीं इरोम चानू शर्मिला अब इस क़ानून से लड़ने के लिए चुनाव के मैदान में हैं
मणिपुर के चूराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में पिछले करीब 550 दिनों से आठ लाशें दफनाए जाने का इंतजार कर रही हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में यह प्रमुख मुद्दा है.
नजिमा के चुनाव लड़ने के ख़िलाफ़ स्थानीय धर्मगुरु फ़तवा जारी कर चुके हैं. वे इरोम शर्मिला की पार्टी ‘पीपुल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस एलायंस’ के टिकट पर इम्फाल घाटी की वाबगई सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
मणिपुर की साठ सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान चार मार्च यानी आज है. पहले चरण में 38 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे.