केंद्र की ओर से राज्यसभा में बताया गया है कि सरकार द्वारा संचालित बीएसएनएल के अलावा एमटीएनएल में उपयोग किए जाने वाले 10 प्रतिशत मोबाइल नेटवर्क उपकरणों की आपूर्ति चीनी कंपनियों द्वारा की जाती है.
ऑल यूनियंस एंड एसोसिएशंस ऑफ बीएसएनएल ने एक बयान में कहा कि इस हड़ताल की प्रमुख वजह बीएसएनएल के पुनरोद्धार पैकेज को अमल में लाने में देरी और कर्मचारियों की शिकायतों का निवारण है.
वित्तीय संकट से जूझ रहीं सरकारी दूरसंचार कंपनियों- बीएसएनएल और एमटीएनएल ने नवंबर की शुरुआत में अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) योजना पेश की थी. बीएसएनएल के प्रबंधन ने दावा किया था कि कुल 1.6 लाख कर्मचारियों में से 77 हज़ार कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है.
बीएसएनएल के मामले में अभी तक 77,000 कर्मचारी वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं. एमटीएनएल को पिछले दस में से नौ साल घाटा हुआ है. बीएसएनएल भी 2010 से घाटे में है. दोनों कंपनियों 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
मामला मल्लापुरम ज़िले के निलाम्बुर का है, जहां बीएसएनएल के एक अनुबंधित कर्मचारी ने अपने दफ्तर में फांसी लगा ली. श्रमिक संघ ने बताया कि अनुबंधित कर्मचारियों को पिछले 10 महीनों से वेतन नहीं मिला है और बीते 130 दिन से वे बकाया वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
वित्तीय संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मंजूरी के कुछ दिनों बाद दोनों कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना पेश की है.
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों के लिए एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई जाएगी. विलय की प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल, बीएसएनएल की एक इकाई के रूप में काम करेगी.
दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल की वित्तीय हालत सुधारने के लिए 74,000 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव किया है, जबकि इसको बंद करने में 95,000 करोड़ रुपये ख़र्च होने का अनुमान लगाया गया है.
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रस्तावित पूर्ण निजीकरण का भी रास्ता साफ हो चुका है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विनिवेश की आड़ में नवरत्न कंपनियों को बेच रही है.
बीते 22 जुलाई को सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल और बीएसएनएल की दिल्ली, मुंबई और कोलकाता की इमारतों में आग लगी थी. सरकार ने इन तीनों घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए थे.
इस साल यह दूसरी बार है जब बीएसएनएल और एमटीएनएल द्वारा अपने कर्मचारियों को समय से वेतन देने में चूक हुई. इससे पहले बीते फरवरी महीने कर्मचारियों को वेतन देरी से मिला था.
22 जुलाई को एमटीएनएल के मुंबई स्थित बांद्रा टेलीफोन एक्सचेंज और बीएसएनएल की कोलकाता के साल्ट लेक स्थित इमारत में भीषण आग लगी थी. वहीं दिल्ली में एमटीएनएल के किदवई भवन इमारत में भी आग लगी थी.