सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार योग-प्राणायाम करने अथवा भारतीय सभ्यता-संस्कृति में रुचि रखने वाले छात्रों को ही मेडल के लिए प्राथमिकता दी जाएगी.
खान-पान और आस्था के नाम पर लोगों को नये-नये अंधकूपों में धकेला जा रहा है.