उज्जैन की शिकायतकर्ता महिला ने अपने पड़ोसी के ख़िलाफ़ शिकायत में कहा था कि वह जबरन उनके घर में घुसा और उनसे छेड़छाड़ की. हाईकोर्ट ने आरोपी को ज़मानत देते हुए कहा कि वह रक्षाबंधन के दिन महिला से राखी बंधवाए और वादा करे कि अपनी क्षमता के अनुसार भविष्य में हमेशा उसकी रक्षा भी करेगा.
राज्य मानवाधिकार आयोग का कहना है कि बच्चे और लड़की के चेहरे पर जेल प्रशासन द्वारा मुहर लगाना मानवाधिकारों और बाल अधिकारों का उल्लंघन है.