अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी का हवाला देकर प्रधानमंत्री मोदी बड़े पूंजीपतियों से अपने करीबी रिश्तों को लेकर हो रही आलोचना को नहीं टाल सकते.
पिछले दो वित्त वर्षों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस जैसे प्रमुख राष्ट्रीय दलों ने प्राप्त चंदे का विवरण नहीं दिया है.