‘रेप कैपिटल’ और ‘रेप इन इंडिया’ जैसे जुमले न भी बोले जाएं, तब भी महिला सुरक्षा को लेकर होने वाली बदनामी से देश का बचना तब तक मुमकिन नहीं है, जब तक सरकार आलोचकों से ज़बानी जंग करने के बजाय औरतों के ख़िलाफ़ अपराध रोकने के लिए गंभीर नहीं होती.
‘रेप कैपिटल’ और ‘रेप इन इंडिया’ जैसे जुमले न भी बोले जाएं, तब भी महिला सुरक्षा को लेकर होने वाली बदनामी से देश का बचना तब तक मुमकिन नहीं है, जब तक सरकार आलोचकों से ज़बानी जंग करने के बजाय औरतों के ख़िलाफ़ अपराध रोकने के लिए गंभीर नहीं होती.