जब प्रधानमंत्री कार्यालय पर ही सवाल हों, तब प्रधानमंत्री उससे जुड़े किसी मामले में फ़ैसला कैसे कर सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एके पटनायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली समिति ने आलोक वर्मा को हटाने के लिए बहुत जल्दबाजी में फैसला लिया. सीवीसी जो कहता है वह अंतिम शब्द नहीं हो सकता है.
सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा को अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक नियुक्त किया गया था.
आलोक वर्मा के तबादले के बाद सीबीआई निदेशक का प्रभार फिलहाल अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव के पास है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को पद से हटाने के कदम का विरोध किया.
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि एक स्वतंत्र प्रक्रिया को देखते हुए आलोक वर्मा को सीवीसी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने का मौका दिया जाना चाहिए था. अगर ऐसा किया जाता तो हम सभी फैसले का स्वागत करते.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की एक लंबी बैठक के बाद आलोक वर्मा को गुरुवार को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया गया.
अक्टूबर 2018 में छुट्टी पर भेजे जाने से पहले आलोक वर्मा राफेल सौदे से लेकर स्टर्लिंग बायोटेक जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामले देख रहे थे. इनमें से एक मामला ऐसा है जिसमें प्रधानमंत्री के सचिव आरोपी हैं.
बीते 20 दिसंबर को गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिल्ली पुलिस कमिश्नर, सीबीडीटी, डीआरआई, ईडी, रॉ, एनआई जैसी 10 एजेंसियों को देश में चलने वाले सभी कंप्यूटर की निगरानी करने का अधिकार दिया.
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर लगे आरोपों को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सीवीसी द्वारा कोर्ट को दी गई जांच रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को सौंप दिया और उनसे इस पर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर लगे आरोपों पर अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सोमवार को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की. हालांकि मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर आपत्ति जताई कि अगर रविवार दोपहर तक रजिस्ट्री खुली हुई थी तो जांच रिपोर्ट सौंपने में देरी क्यों हुई.
सीबीआई विवाद: रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज एके पटनायक की निगरानी में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा ये जांच की जाएगी.
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के दो वरिष्ठतम अधिकारियों- आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद सीबीआई ने जारी किया बयान.
सीबीआई विवाद: गुरुवार सुबह छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर से चार आईबी अधिकारी पकड़े गए थे. आरोप है कि ये लोग वर्मा की जासूसी कर रहे थे.
आरोप है कि खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ये चारों शख्स सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर जासूसी कर रहे थे.