साल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान के खतरनाक पैटन टैंक तबाह करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन की कानपुर के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. उनके बेटे ने दावा किया कि डॉक्टरों ने उनके पिता की कोविड जांच कराने की जहमत भी नहीं उठाई कि पता लग पाता कि वह संक्रमित थे या नहीं.
कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के तहत आने वाले हैलेट अस्पताल का एसी प्लांट पांच दिनों से ख़राब था. परिजनों ने एसी ख़राब होने से मौत होने का आरोप लगाया, अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों से इनकार किया.