तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज़ शरीफ़ भ्रष्टाचार के एक मामले में सात साल की सज़ा काट रहे हैं. इलाज के लिए उन्हें चार हफ़्ते के लिए विदेश जाने की इजाज़त मिली थी. पिछले साल दिसंबर में यह अवधि ख़त्म हो चुकी है. तब से शरीफ़ लंदन से वापस नहीं लौटे हैं.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की ओर से बताया गया कि यह वॉरंट जंग मीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक मीर शकीलुर रहमान को 1986 में गैर-क़ानूनी तरीके से ज़मीन आवंटित करने के मामले में जारी किया गया है. नवाज़ शरीफ़ उस समय पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे.
शादमान चौक पर 23 मार्च 1931 को अंग्रेजी हुकूमत ने क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ाया था. उस दौरान यह चौक एक जेल का हिस्सा था.
पाकिस्तान सरकार से लाहौर के शादमान चौक पर भगत सिंह की प्रतिमा लगाने की भी मांग की गई है.