कोरोना वायरस महामारी के चलते केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों का विश्लेषण करें, तो स्पष्ट रूप से दिखता है कि आदिवासियों और वन निवासियों के अधिकारों और उनकी ज़रूरतों की अनदेखी की गई है.
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाए जाने पर आदिवासी कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
ग्यारह साल पहले इस क़ानून के पारित होने के बाद से आदिवासी समुदाय इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाते आ रहे हैं.