सामुदायिक वन अधिकारों में लघु वनोपज का मालिक़ाना हक़, मछली और जल निकायों के उत्पादों के प्रयोग, कमज़ोर आदिवासी समूहों के निवास स्थान जैसे अधिकार शामिल हैं. राज्य सरकार का कहना है कि अब तक चार लाख से अधिक व्यक्तिगत और 46 हज़ार से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्र जारी किए गए हैं.