भारतीय रिज़र्व बैंक की निधियां राष्ट्र की सामाजिक संपत्ति हैं और जनहित का हवाला देकर मनमाने ढंग से उनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
शीर्ष न्यायालय ने सरकार से कहा कि जो भी जानकारी क़ानूनी रूप से सार्वजनिक की जा सकती है उसे याचिकाकर्ताओं को दिया जाए. यदि कोई सूचना गोपनीय है तो उसे सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपें. साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि अगर केंद्र राफेल की क़ीमत नहीं बता सकता है तो हलफ़नामा दायर करे.
केंद्र ने राफेल पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिकाओं का विरोध किया और यह कहते हुए उन्हें ख़ारिज करने का अनुरोध किया कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए ये दाखिल की गई हैं.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह सौदे की विस्तृत जानकारी और यूपीए व एनडीए सरकारों के दौरान विमान की कीमतों का तुलनात्मक विश्लेषण सील बंद लिफाफे में न्यायालय को सौंपे.
जन गण मन की बात की 313वीं कड़ी में विनोद दुआ यौन शोषण के ख़िलाफ़ महिलाओं द्वारा शुरू किए गए 'मीटू' अभियान और राफेल सौदे की सीबीआई जांच पर चर्चा कर रहे हैं.
सितंबर 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और फ्रांस के रक्षा मंत्री के बीच राफेल क़रार पर दस्तख़त हुए थे, उसके ठीक पहले रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राफेल लड़ाकू विमानों की कीमतों को लेकर सवाल उठाए थे और इसे फाइल में दर्ज किया था.
राफेल विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए फ्रांस के वर्तमान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, 'यह सरकार का सरकार के साथ हुआ क़रार था. उस वक़्त मैं पद पर नहीं था. मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि हमारे नियम स्पष्ट थे.’
जन गण मन की बात की 309वीं कड़ी में विनोद दुआ राफेल सौदे को लेकर उठ रहे सवालों पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी और सिक्किम एयरपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री के दावे पर चर्चा कर रहे हैं.
मीडिया बोल की 68वीं कड़ी में उर्मिलेश राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार पर उठ रहे सवाल और इसकी मीडिया कवरेज पर पूर्व पत्रकार आशुतोष और डिफेंस कॉरेस्पॉन्डेंट रंजीत कुमार से चर्चा कर रहे हैं.
कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे को शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला बताया. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे पर वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री को सामने करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए.
राफेल सौदे को लेकर एक फेसबुक पोस्ट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है रिलायंस डिफेंस चुनने में भारत और फ्रांस दोनों ही सरकारों की कोई भूमिका नहीं है.
बैंक ने मांगी गई जानकारी को संबंधित लोगों के बारे में व्यक्तिगत सूचना बताते हुए कहा कि ये सूचनाएं उसके पास ‘दूसरों की अमानत’ के तहत रखी गई हैं और क़ानून में इस तरह की जानकारी न देने की छूट है. बैंक द्वारा उपलब्ध करवाए गए ब्यौरे के अनुसार मार्च 2018 में उसने 222 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के चुनावी बॉन्ड बेचे.
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि साल 2017 में पीएनबी ने नीरव मोदी से जुड़ी कंपनियों के लिए लगभग 54 अरब रुपये के 150 फ़र्ज़ी एलओयू जारी किए.
चुनावी बांड में राजनीतिक दल को दान देने वाले के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी. ये बांड 1,000 और 5,000 रुपये मूल्य के होंगे.
वित्त मंत्री ने कहा कि नई कर व्यवस्था ने कारोबारियों के लिए कारोबार करना आसान किया है.