एनसीईआरटी की कक्षा 12 की राजनीतिक विज्ञान की किताब में जम्मू कश्मीर की अलगाववादी राजनीति से जुड़ी जानकारियों को हटा दिया है, जबकि चुनावी राजनीति और राज्य के विशेष दर्ज़े को ख़त्म किए जाने संबंधी पाठ को शामिल कर लिया गया है.
बचपन से ही सुनते आए हैं कि गुरु-शिष्य परंपरा के समाप्त हो जाने से ही शिक्षा व्यवस्था में सारी गड़बड़ी पैदा हुई है. लेकिन इस परंपरा की याद किसके लिए मधुर है और किसके लिए नहीं, इस सवाल पर विचार तो करना ही होगा.