वर्ष 1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एक प्रस्ताव के तहत शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अपनी संपत्ति का खुलासा करने के लिए अनिवार्य किया गया था.
वर्ष 1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एक प्रस्ताव के तहत शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अपनी संपत्ति का खुलासा करने के लिए अनिवार्य किया गया था.