1976 में भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द 42वें संविधान संशोधन के माध्यम से जोड़े गए थे. अब दो वकीलों ने इन्हें हटाने की मांग करते हुए कहा है कि यह संशोधन भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विषय-वस्तु के विपरीत था.
भाजपा और शिवसेना की ओर से कई बार संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी शब्द हटाने की मांग उठ चुकी है. बीते दिनों संघ के विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने इसे हटाने के लिए सदन में प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कही है.
राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राष्ट्र में जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उसमें हमारे संविधान निर्माण की प्रस्तावना और भावों के प्रसार से ही हम देश में परस्पर सद्भाव, एकता, अखण्डता को कायम रख सकते हैं.
कांग्रेस विधायक और मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि छात्र संविधान की प्रस्तावना का पाठ करेंगे ताकि वे इसका महत्व जानें. सरकार का यह काफी पुराना प्रस्ताव है लेकिन हम इसे 26 जनवरी से लागू करेंगे. मंत्री ने कहा कि छात्र हर रोज सुबह की प्रार्थना के बाद प्रस्तावना का पाठ करेंगे.