लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को लिखे पत्र में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उन्होंने विभिन्न दलों के नेताओं से संपर्क स्थापित किया तो उन लोगों ने भी महामारी पर चिंता जताते हुए शीतकालीन सत्र से बचने की सलाह दी. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि इस बारे में राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद से सलाह नहीं ली गई.
संसद में बीते कुछ वर्षों से सरकार बिना उचित विचार-विमर्श के आनन-फानन में विधेयकों को पारित करने पर आमादा दिखती है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में महज़ 25 फीसदी विधेयकों को संसदीय समिति के पास भेजा गया, जो 15वीं लोकसभा के समय भेजे गए विधेयकों की तुलना में काफ़ी कम है.