सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फ़ातिमा ने एक कुकरी शो में बीफ़ के लिए ‘गोमाता’ शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे लेकर उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज दर्ज किया गया था. इससे पहले रेहाना 2018 में सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश को लेकर चर्चा में आई थीं.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ताओं को पुनर्विचार याचिका पर फैसला आने तक इंतजार करने को कहा है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं बिंदु अम्मिनी और रेहाना फातिमा को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर के दर्शन की अनुमति देने के बाद अयप्पा मंदिर के दर्शन करने वाली महिला कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे महिला कार्यकर्ताओं के समूह में शामिल थीं.
पुलिस ने बताया कि आंध्रप्रदेश से आए समूह में शामिल लोगों के पहचानपत्र की जांच की गई और प्रतिबंधित उम्र सीमा में होने की वजह से सबरीमाला में मौजूदा स्थिति की जानकारी देकर 10 युवा महिलाओं को वापस भेज दिया गया.
केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर के कपाट आज शाम 5 बजे के आसपास खोले जाएंगे. सुरक्षा की दृष्टि से भगवान अयप्पा के मंदिर में और उसके आस-पास 10 हजार से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन ने एक मामले की सुनवाई करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि कृपया अपनी सरकार को सबरीमाला मामले में सुनाए गए असहमति के फैसले को पढ़ने के लिए कहें, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है.....हमारा फैसला खेलने के लिए नहीं है.
सबरीमाला मंदिर मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध केवल सबरीमाला तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य धर्मों में भी ऐसा है. सबरीमाला, मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश और दाऊदी बोहरा समुदाय में महिलाओं में खतना जैसे धार्मिक मुद्दों पर फैसला बड़ी पीठ लेगी.
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कनकदुर्गा और बिंदू अम्मिनी ने दो जनवरी को मंदिर में प्रवेश कर पूजा की थी.
आरएसएस प्रचारक नूरानंद प्रवीण पर पुलिस स्टेशन में बम फेंकने का आरोप है. सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद केरल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई माकपा, भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के घरों में बम फेंकने की खबरें आईं थीं.
विरोध प्रदर्शन के चलते 1,369 लोगों की गिरफ़्तारी के अलावा 717 लोगों को हिरासत में लिया गया और 801 केस भी दर्ज किए जा चुके हैं.
सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के बाद भाजपा ने राज्य में शुरू किया विरोध प्रदर्शन. दो मंत्रियों को दिखाए गए काले झंडे. पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का आदेश दिया था.
बीते 15 नवंबर को सबरीमाला पर सर्वदलीय बैठक विफल रही. महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करने के लिए कोच्चि पहुंच गईं. लेकिन दक्षिणपंथी गुटों द्वारा विरोध प्रदर्शन के चलते वे एयरपोर्ट से बाहर नहीं आ सकी हैं.
सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दायर की गईं 49 याचिकाओं पर 22 जनवरी को खुली अदालत में सुनवाई होगी.
मंगलवार दोपहर तीन बजे सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ बंद कमरे में 48 पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जिसमें सबरीमाला फैसले की समीक्षा की मांग की गई है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने कहा कि साक्ष्य सामने आया है कि राज्य में बीजेपी नेताओं ने सबरीमाला मामले में विवाद पैदा किया. ख़ुद उनके प्रदेश अध्यक्ष भी इसमें शामिल हैं. यह बेहद निंदनीय है.