महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित जमाखोरी को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा एक फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस आदि ने आपत्ति जताई थी. इसे लेकर शिवसेना के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं. बीते दिनों गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी इन इंजेक्शनों को मुफ़्त बांटने को लेकर विवादों के केंद्र में आ गए थे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि एनआरसी को राज्य में लागू नहीं होने दिया जाएगा. एनआरसी लागू होने से हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए नागरिकता साबित करना काफी मुश्किल हो जाएगा. मैं ऐसा नहीं होने दूंगा.
शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में नरमी से असंतोष तथा अस्थिरता बढ़ रही है और यह देश में बने हालात से ज़ाहिर है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में फिल्म शोले के इस डायलॉग से देश में आर्थिक सुस्ती और त्योहारों के मौके पर बाज़ारों से ग़ायब रौनक के लिए सरकार के नोटबंदी और ग़लत तरीके से जीएसटी को लागू करने को ज़िम्मेदार बताया है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि भाजपा के शासनकाल में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की परिभाषाएं बदल दी गई हैं. जो रफाल सौदे का गुणगान कर रहे हैं वे देशभक्त माने जा रहे हैं, जो सवाल उठा रहे हैं उन्हें देशद्रोही करार दिया जा रहा है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर शिवाजी स्मारक का निर्माण रोक दिया है, वहीं गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का निर्माण बिना किसी पर्यावरणीय या तकनीकी मुद्दे के किया गया.
केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा कि जब सत्ता में बैठे लोग रोज़गार और ग़रीबी दोनों मोर्चो पर विफल होते हैं तब वे आरक्षण का कार्ड खेलते हैं.
शिवसेना ने कहा कि गोवा, कर्नाटक की सरकारें दूध किसानों को पांच रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देती हैं तो अगर महाराष्ट्र के किसान भी ऐसी ही राहत की मांग करते हैं, तो इसमें गलत क्या है.
शिवसेना ने कहा है कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा कोई नई नहीं है. भाजपा ने 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में भी इसी का वादा किया था.
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘पहले ललित, फिर माल्या, अब नीरव भी हुआ फरार. कहां है 'न खाऊँगा, न खाने दूँगा' कहने वाला देश का चौकीदार? साहेब की खामोशी का राज़ जानने को जनता बेकरार, उनकी चुप्पी चीख चीख कर बताए वो किसके हैं वफादार?’
शिवसेना ने अपने मुखपत्र में पूछा, भाजपा चुनाव प्रचार अभियान में निचले स्तर तक क्यों चली गई, मोदी के चुनावी भाषणों से विकास का एजेंडा गायब है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में गोरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या को हिंदुत्व के ख़िलाफ़ बताया.
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा गया कि नोटबंदी ने औद्योगिक गतिविधियों में मंदी ला दी है और आईटी क्षेत्र में इससे बड़े स्तर पर रोज़गार में कमी हुई.