सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई पूर्व और मौजूदा जजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए एक महीने पहले मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस कर्णन के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की और न्यायिक अधिकारियों और जजों की पत्नियों को धमकाया है.
मद्रास हाईकोर्ट के एक वकील की शिकायत के बाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने सीजेआई एसए बोबडे को पत्र लिखते हुए आरोप लगाया गया कि जस्टिस कर्णन ने कथित तौर पर महिलाओं के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की है और न्यायिक अधिकारियों व जजों की पत्नियों को धमकाया है.
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी ने शीर्ष अदालत के 22 जजों को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पूर्व सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई ने अक्टूबर 2018 में उनका यौन उत्पीड़न किया था.
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने एकमत होकर ये फैसला दिया और साल 2010 के दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया जिसमें कोर्ट ने कहा था कि मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई एक्ट के दायरे में है.
आरटीआई कार्यकर्ताओं ने शीर्ष न्यायालय के इस फैसले की सराहना की और साथ ही कहा कि ‘कानून से ऊपर कोई नहीं है.’
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसा करने से नियुक्ति प्रक्रिया में लोगों का विश्वास बढ़ेगा और फैसले लेने में न्यायपालिका एवं सरकार के सभी स्तरों पर उच्च स्तर की पारदर्शिता और जवाबदेही तय हो सकेगी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 2010 में अपने फैसले में शीर्ष अदालत की इस दलील को खारिज कर दिया था कि सीजेआई कार्यालय को आरटीआई के दायरे में लाए जाने से न्यायिक स्वतंत्रता बाधित होगी.
सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी पर हरियाणा के एक व्यक्ति ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था. दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस के क्लोज़र रिपोर्ट दायर करने के बाद मामले को बंद कर दिया है.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र में पीड़िता ने कहा था, 'लोग मेरे घर पर आए और मामला वापस लेने के लिए धमकाया. उन्होंने कहा कि अगर मैं ऐसा नहीं करती हूं तो पूरा परिवार फर्जी मामलों में जेल में डाल दिया जाएगा.'
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह ने यह टिप्पणी अप्रैल में सीजेआई रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोपों के संदर्भ में की है. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया को न्यायिक स्वतंत्रता की सुरक्षा के नाम पर गोपनीयता में बदल दिया गया.
अप्रैल में सीजेआई रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप लगाए थे. तब शिकायतकर्ता महिला पर नवीन कुमार नाम के व्यक्ति ने नौकरी के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया है कि नवीन बीते अप्रैल से ही लापता हैं.
बसपा सांसद ने उत्तर प्रदेश की घोसी संसदीय सीट पर भाजपा के हरि नारायण को 1.22 लाख वोटों से हराते हुए जीत दर्ज की थी. हालांकि, अभी तक उन्होंने लोकसभा में शपथ ग्रहण नहीं की है.
सीजेआई के ख़िलाफ़ उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिला ने एक हलफनामे में आरोप लगाया था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट कर्मचारी के रूप में बर्ख़ास्त किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस में कार्यरत उनके पति और पति के भाई को निलंबित कर दिया गया था.
उत्तर प्रदेश की घोसी सीट से बसपा के नवनिर्वाचित सांसद अतुल राय पर वाराणसी की एक छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया है. केस दर्ज होने के बाद से वह फरार हैं. उन्होंने क्षेत्र में चुनाव प्रचार भी नहीं किया और करीब सवा लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की.
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला को मामले की सुनवाई करने वाली आंतरिक शिकायत समिति की रिपोर्ट निश्चित तौर पर मिलनी चाहिए ताकि शिकायतकर्ता महिला को उन सवालों का जवाब मिल सके, जो उसने उठाए हैं.