मोदी सरकार द्वारा सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 में किए गए संशोधन के बाद अब रिटायर्ड सुरक्षा अधिकारियों को अपने पूर्व संगठन से संबंधित विषय पर कुछ भी लिखने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी. इसका उल्लंघन सेवानिवृत्त अधिकारी की पेंशन को ख़तरे में डाल सकता है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि खुफ़िया और सुरक्षा संबंधी संस्थानों में काम कर चुके सेवानिवृत्त अधिकारियों को संस्थान प्रमुख को वचन देना होगा कि वे इस प्रकार की सूचना प्रकाशित नहीं करेंगे. ऐसा नहीं करने पर उनकी पेंशन रोक लगा दी जाएगी या वापस ले ली जाएगी. इसके अलावा संगठन प्रमुख फैसला करेगा कि प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या नहीं.