गुजरात में वर्ष 2002 से 2006 के बीच कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में तीन लोगों मार दिए गए थे. पीड़ित परिवारों के वकील ने कहा कि जस्टिस बेदी आयोग की रिपोर्ट यह बताती है कि किन पुलिसकर्मियों ने पीड़ितों की हत्या की लेकिन उनके आकाओं, जो आईपीएस अधिकारी और भाजपा नेता हो सकते हैं उनके बारे में कुछ बात नहीं कहती.