बीते अगस्त में केरल हाईकोर्ट ने होम्योपैथी डॉक्टरों को कोविड-19 के इलाज के लिए दवा लिखने और उसका विज्ञापन करने से मना कर दिया था. इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसने कहा कि होम्योपैथी प्रैक्टिशनर को कोविड-19 के इलाज में आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.