कोरोना वायरस: मध्य प्रदेश में मृत्यु दर राष्ट्रीय दर के मुकाबले दोगुनी हुई

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु दर 7.5 प्रतिशत हो गई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर इस महामारी से मृत्यु दर से दोगुने से भी ज़्यादा है.

Migrants walk towards their native village during a nationwide lockdown, imposed in the wake of coronavirus pandemic, in Bengaluru. (PTI Photo)

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु दर 7.5 प्रतिशत हो गई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर इस महामारी से मृत्यु दर से दोगुने से भी ज़्यादा है.

फोटो: पीटीआई
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भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु दर साढ़े सात प्रतिशत हो गई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर इस महामारी से मृत्यु दर (करीब सवा तीन प्रतिशत) से दोगुने से भी ज्यादा है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस संक्रमण से मौतों को गंभीरता से लेते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों के सर्वोत्तम उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात तक मध्य प्रदेश में कुल 385 लोग कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से 29 लोगों यानी साढ़े सात प्रतिशत की मौत हो चुकी है.

वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार बुधवार रात नौ बजे तक समूचे देश में कोविड-19 के कम से कम 5,689 सामने आए, जिनमें से कम से कम 181 लोगों यानी करीब 3.18 प्रतिशत की मौत हुई. इस प्रकार मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर राष्ट्रीय मृत्यु दर के मुकाबले 4.32 प्रतिशत अधिक है, जो दोगुना से भी ज्यादा है.

हालांकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, देशभर में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5,274 हो गई और इस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 149 यानी 2.8 प्रतिशत है.

इस हिसाब से आईसीएमआर के आंकड़ों से तुलना करने पर भी मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु दर राष्ट्रीय मृत्यु दर से 4.7 प्रतिशत अधिक है, जो दोगुने से भी ज्यादा है.

मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा बुधवार रात जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में हुई बैठक में प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति एवं रोकथाम की व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा की.’

इस दौरान मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना वायरस संक्रमितों के उपचार की सर्वोत्तम व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे कोरोना संक्रमण से मृत्युदर (डेथ रेट) को न्यूनतम किया जा सके.

इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया, ‘अभी प्रदेश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर सात से साढ़े सात प्रतिशत तक है. इलाज के लिए भारत सरकार की गाइडलाइंस पर अमल के निर्देश दिए गए हैं.’

चौहान ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमण को न छिपाए. यह भी बताए कि वह किस-किस के संपर्क में आया है.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जो व्यक्ति इसे छिपाए, उसके विरुद्ध प्राथिमिकी दर्ज की जाए तथा इलाज के बाद उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

चौहान ने कहा कि जो भी व्यक्ति कोरोना नियंत्रण कार्य में लगे लोगों से दुर्व्यवहार करता है, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात तक मध्य प्रदेश में कुल 385 लोग कोरोना वायरस संक्रमित पाये गये हैं. प्रदेश में सबसे अधिक 213 संक्रमित मरीज इन्दौर में मिले हैं, जबकि इसके बाद 94 मरीज भोपाल में पाए गए है.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 29 लोगों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हो चुकी है, जिनमें से इंदौर में 21, उज्जैन में पांच एवं भोपाल, खरगोन एवं छिंदवाड़ा में एक-एक शामिल हैं.

मध्य प्रदेश में पहला कोरोना वायरस का संक्रमित व्यक्ति जबलपुर में 20 मार्च को मिला था, जो पिछले 20 दिनों में बढ़कर 385 हो गए और मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से 16 जिलों में इस महामारी ने अब तक दस्तक दे दी है.