देश और विदेश में लोगों को वॉट्सऐप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पत्र के साथ कई सरकारी योजनाओं को सूचीबद्ध करने वाले संदेश प्राप्त हुए हैं और जनता से विचार और सुझाव मांगे गए हैं. कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि ये संदेश आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हैं. वहीं, टीएमसी ने पीएम मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है.
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देश और विदेश में लोगों को वॉट्सऐप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पत्र के साथ कई सरकारी योजनाओं को सूचीबद्ध करने वाले संदेश प्राप्त हुए हैं और जनता से विचार और सुझाव मांगे गए हैं. कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि ये संदेश आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हैं. वहीं, टीएमसी ने पीएम मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है.
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भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 मई 2018 को कुछ चुनावी बॉन्ड धारक 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ नई दिल्ली में बैंक की मुख्य शाखा पहुंचे थे. आधे बॉन्ड 3 मई 2018 और बाकी आधे 5 मई 2018 को खरीदे गए थे. दोनों ही तारीखों पर खरीदे गए बॉन्ड की उन्हें भुनाने की 15 दिन की अवधि समाप्त होने के बावजूद भुनाया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आंध्र प्रदेश में एनडीए की एक चुनावी सभा के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था. टीएमसी नेता साकेत गोखले ने अपनी शिकायत में इसे चुनाव में सरकारी मशीनरी का उपयोग बताते हुए 1975 में इंदिरा गांधी को समान आधार पर अयोग्य क़रार दिए जाने का हवाला दिया है.
लॉटरी में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद साल 2015 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा ऑडिट का निर्णय लिया गया था, जिसमें कंपनी के मालिक सैंटियागो मार्टिन एक अहम व्यक्ति थे. इस कंपनी ने चुनावी बॉन्ड के ज़रिये राजनीतिक दलों को सर्वाधिक कुल 1,368 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.
गूगल पर दिए गए राजनीतिक विज्ञापनों के हालिया तीन महीनों के आंकड़े बताते हैं कि 17 मार्च तक 100 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए जा चुके हैं, जिनमें सबसे अधिक 30.9 करोड़ रुपये के विज्ञापन भारतीय जनता पार्टी ने दिए हैं.
चुनावी बॉन्ड के ज़रिये राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों में सड़क, खनन और इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी बड़ी कंपनियों का शामिल होना दिखाता है कि भले चंदे की राशि राजनीतिक दलों को मिल रही है, लेकिन इनकी क़ीमत आम आदिवासी और मेहनतकश वर्ग को चुकानी पड़ रही है, जिसके संसाधनों को राजनीतिक वर्ग ने चंदे के बदले इन कंपनियों के हाथों में कर दिया.
आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने काशी और मथुरा के संदर्भ में कहा कि मामलों की सुनवाई अदालत में हो रही है, अयोध्या विवाद का समाधान भी अंततः अदालतों के माध्यम से ही निकला. अगर मामला न्यायपालिका द्वारा हल किया जा सकता है तो समान पैमाने के आंदोलन की आवश्यकता कहां है.
चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए डेटा में भारतीय जनता पार्टी ने आयोग को बताया है कि चुनावी बॉन्ड देने वालों के नाम और विवरण रखना आवश्यक नहीं था, इसलिए यह जानकारी उसके पास उपलब्ध नहीं है.