कांग्रेस ने केंद्र की सातवीं वर्षगांठ पर कहा, मोदी सरकार देश के लिए हानिकारक

सरकार की वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों देश ने राष्ट्रीय गौरव के कई क्षणों का अनुभव किया. गृहमंत्री अमित शाह ने शाह ने मोदी को ग़रीबों, किसानों और वंचितों का जीवन स्तर सुधारने और उन्हें मुख्यधारा में लाने का श्रेय दिया. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कोविड-19 के बीच भाजपा राहत कार्य कर रही है, जबकि विपक्ष पृथकवास में है. शिवसेना ने मोदी सरकार को आत्ममंथन करने की सलाह दी. महाराष्ट्र कांग्रेस ने काला दिवस मनाया.

नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीआईबी)

सरकार की वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों देश ने राष्ट्रीय गौरव के कई क्षणों का अनुभव किया. गृहमंत्री अमित शाह ने शाह ने मोदी को ग़रीबों, किसानों और वंचितों का जीवन स्तर सुधारने और उन्हें मुख्यधारा में लाने का श्रेय दिया. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कोविड-19 के बीच भाजपा राहत कार्य कर रही है, जबकि विपक्ष पृथकवास में है. शिवसेना ने मोदी सरकार को आत्ममंथन करने की सलाह दी. महाराष्ट्र कांग्रेस ने काला दिवस मनाया.

नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीआईबी)
नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीआईबी)

नई दिल्ली/मुंबई: नरेंद्र मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि यह सरकार देश के लिए हानिकारक है, क्योंकि वह हर मोर्चे पर विफल हुई है और इसने लोगों के भरोसे को तोड़ा है.

पार्टी ने कहा, ‘सच तो यह है कि मोदी सरकार के सात साल, 140 करोड़ लोगों के देश के लिए अथाह पीड़ा, अथाह तबाही और अथाह कष्ट की कहानी है.’

विपक्षी पार्टी ने इस मौके पर सरकार की ओर से की गई सात ‘बड़ी भूलों’ का एक आरोप-पत्र जारी किया है, जिसमें मोदी सरकार द्वारा लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को त्यागने का आरोप लगाया गया है.

इसमें सरकार की प्रमुख असफलताओं के तौर पर गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी और मंहगाई और कोविड-19 कुप्रबंधन को गिनाया गया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर कहा, ‘कोरोना से लड़ने के लिए चाहिए- सही नीयत, नीति, निश्चय. महीने में एक बार निरर्थक बात नहीं!’

उन्होंने कहा, ‘यह सरकार देश के लिए हानिकारक है, क्योंकि इसने भारत के लोगों के साथ विश्वासघात किया है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में जताए गए लोगों के भरोसे एवं सहज विश्वास के साथ छल कर रही है.’

सुरजेवाला ने कहा, ‘यह उस सरकार द्वारा 140 करोड़ भारतीयों के साथ किया गया सबसे बड़ा धोखा है, जिसे असंख्य वादों पर चुना गया है. सात वर्षों के बाद सबका हिसाब लेने का वक्त आ गया है. यह पूछने का वक्त आ गया है कि देश क्यों पीड़ा में है.’

कांग्रेस चार मिनट का एक वीडियो ‘भारत माता की कहानी’ भी लेकर आई है, जिसमें पिछले सात वर्षों में सरकार की ‘विफलताएं’ गिनाई गई हैं.

सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा, ‘सच तो यह है कि मोदी सरकार के सात साल, 140 करोड़ लोगों के देश के लिए अथाह पीड़ा, अथाह तबाही और अथाह कष्ट और दर्द की कहानी है.’

उन्होंने कहा, ‘महामारी के बीच मोदी सरकार ने अपने लोगों का परित्याग कर दिया है और अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी को त्याग दिया है.’

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मोदी सरकार गरीबी पर हमला करने के बजाय गरीबों, मध्यम वर्ग और हाशिये पर रहने वालों पर हमला करने की दोषी है.

उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार ने आज एक मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था को गहरी आर्थिक मंदी में तब्दील कर दिया है. बेतहाशा मंहगाई के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है जिसमें 70 साल में पहली बार पेट्रोल 100 रुपये और सरसों का तेल 200 रुपये प्रति लीटर के पार जा रहा है.’

सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी सरकार राष्ट्रीय अखंडता के साथ-साथ हमारी क्षेत्रीय अखंडता पर अक्षम्य समझौता करने की दोषी है. मोदी सरकार ने हमें केवल दर्द और पीड़ा दी है और उसने इस देश में लोकतंत्र की हर व्यवस्था का नाश किया है और हमें एक राष्ट्र के तौर पर इसे बहाल करने की जरूरत है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस देश में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार ने लाखों भारतीयों को अपने आप लोगों की देखभाल करने और महामारी के दौरान मरने के लिए छोड़ दिया.

सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘क्या कोई शासक इस तरह से अपनी जिम्मेदारी से भाग सकता है. आप इवेंट-जीवी (कार्यक्रम कराने वाला), स्वप्न-जीवी और जुमला-जीवी हो सकते हैं, लेकिन इन सात वर्षों में कभी भी सेवा-जीवी और कर्तव्य जीवी नहीं रहे और यह आपकी सच्चाई है.’

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह पूछने का समय आ गया है कि एक छद्म राष्ट्रवादी सरकार हमारी सीमाओं की रक्षा करने और चीनियों को हमारी सीमाओं से पीछे धकेलने में पूरी तरह से विफल क्यों है.

चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन और पार्टी को एक वैकल्पिक ताकत के तौर पर न समझने को लेकर किए गए सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी नेतृत्व इस बात से अवगत है कि उसकी पहली प्राथमिकता देश को मोदी-निर्मित आपदा से बचाना और देश को प्रगति के पथ पर वापस लाना, लोगों की जेब में पैसा डालने में मदद करना, उनकी आय बढ़ाना, किसानों के आंसू पोंछना और गरीब तथा कमजोर लोगों तक पहुंचना है.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी इन प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए जो करने की जरूरत है, वह कर रही है. पार्टी जनता का विश्वास जीतने के लिए और मेहनत करेगी.’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी प्राथमिकताओं को समझती है, क्योंकि कांग्रेस एक विचारधारा है और सभी पार्टियां इससे ही निकली हैं.’

कांग्रेस की ओर से कहा गया, ‘किसानों से दोगुनी आमदनी का झूठा वादा अन्नदाता का अपमान साबित हुआ है. आमदनी तो बढ़ी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के ‘मितरों’ की- किसान के हिस्से तो सिर्फ अत्याचार ही आया है.’

कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ‘वैक्सीन विदेशों को दी गई; भाजपा के नेताओं द्वारा कालाबाजारी की गई और देशवासियों के हिस्से में आई- सिर्फ तौहीन.’

शिवसेना ने मोदी सरकार को आत्ममंथन करने की सलाह दी

शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि भारत जवाहरलाल नेहरू के समय से लेकर मनमोहन सिंह की सरकारों के अच्छे कामों के कारण अस्तित्व में है और मौजूदा मोदी सरकार को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि क्या वह लोगों की मूलभूत जरूरतों को पूरा कर पाई है.

शिवसेना सांसद राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘देश पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह की सरकारों के अच्छे कामों पर जी रहा है.’

शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि काफी कुछ किया जाना है. कोविड-19 महामारी के कारण महंगाई, बेरोजगारी और अशांति की समस्याएं हैं.

राउत ने कहा, ‘जब आपको बहुमत मिला तो इसका मतलब है कि लोगों ने विश्वास के साथ आपको सत्ता सौंपी. लोगों की जरूरतें और मांग बहुत कम हैं. उन्हें आजीविका की जरूरत है. स्वास्थ्य एवं शैक्षिक सुविधाओं के साथ ही रोटी, कपड़ा और मकान भी महत्वपूर्ण हैं.’

एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि यह अच्छी बात है कि मोदी सरकार पर ‘भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं’ है.

ज्ञात हो कि 23 मई 2019 में लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे. भाजपा ने 303 सीटें जीतकर जनादेश हासिल किया था और नरेंद्र मोदी ने 30 मई को लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी.

महाराष्ट्र कांग्रेस ने मनाया काला दिवस

इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि उनकी सरकार मोदी सरकार की वर्षगांठ को ‘काला दिवस’ के रूप में मना रही है.

महा विकास आघाड़ी के तौर पर महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा के साथ सत्ता साझा करने वाली कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

महाराष्ट्र के सांगली में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते कांग्रेस कार्यकर्ता. (फोटो साभार: ट्विटर)
महाराष्ट्र के सांगली में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते कांग्रेस कार्यकर्ता. (फोटो साभार: ट्विटर)

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कोविड-19 की पहली लहर के दौरान पिछले साल गुजरात में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत करने में व्यस्त थी और फिर उसने तबलीगी जमात के समारोह को वायरस फैलाने का जिम्मेदार ठहराते हुए महामारी को ‘सांप्रदायिक रंग’ दे दिया.

उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान जब कोविड-19 के मामले और मृतकों की संख्या बढ़ रही थी तो मोदी सरकार पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने में व्यस्त थी.

पटोले ने कहा, ‘मोदी सरकार ने देश को कोविड-19 संकट की ओर धकेल दिया इसलिए उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्तीफा देना चाहिए.’

उन्होंने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के कथित कुप्रबंधन को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा.

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार के पास किसानों के मुद्दों को हल करने का वक्त नहीं है.

इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने पुणे में केंद्र के खिलाफ एक प्रदर्शन की अगुवाई की, जबकि राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चह्वाण ने औरंगाबाद में प्रदर्शन किया.

राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने नासिक में, ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने नागपुर, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वदेत्तीवार ने अमरावती और चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने लातूर में प्रदर्शन किया.

महाराष्ट्र के राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल ने एक वेबकास्ट में कहा कि यह ऐसा समय है जब सोशल मीडिया का इस्तेमाल मोदी सरकार को उसकी विफलताएं बताने के लिए की जानी चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि विपरीत समय में सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम जारी रखना आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं देने जैसा है.

राज्य के जल संसाधन मंत्री ने दावा किया कि पिछले सात वर्षों में सामाजिक अलगाव काफी बढ़ गया है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘सोशल मीडिया ने मोदी को सत्ता तक पहुंचने में मदद की और अब सरकार अब इसे कमतर करना चाहती है.’

पाटिल ने कहा कि सोशल मीडिया मोदी सरकार को अब आईना दिखा रही है. गरीब और आम लोगों को पिछले सात वर्षों में जो परेशानी हुई है, उसे बताने के लिए आगे आना चाहिए.

वहीं राकांपा के प्रमुख प्रवक्ता महेश तपासे ने एक ट्वीट में कहा कि मोदी सरकार के सात साल में सामाजिक ताना-बाना टूटा है.

नितिन राउत ने नागपुर में दावा किया कि पिछले सात वर्षों से केंद्र में मोदी सरकार का होना देश के लिए ‘घातक’ साबित हुआ है.

वहीं महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार कोविड-19 महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने में विफल रही और करीब 12.21 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गईं.

मोदी नीत केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने के मौके पर एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चव्हाण ने कहा कि केंद्र सरकार ने निर्णय लेने की सभी शक्तियां अपने पास रखीं और अब जब महामारी नियंत्रण के बाहर चली गई तो वह राज्य सरकारों पर दोषारोपण कर रही है.

उनसे जब मोदी सरकार में उनके पसंदीदा मंत्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नागपुर से सांसद नितिन गडकरी का नाम लिया और कहा कि वैचारिक मतभेदों के बाद भी वह ‘दूसरी पार्टियों के साथ संवाद’ करते हैं. उन्होंने कहा कि वह सही व्यक्ति हैं, जो कि एक गलत दल में हैं.

वर्षगांठ पर बोले मोदी, पिछले सात वर्षों देश ने राष्ट्रीय गौरव के कई क्षणों का अनुभव किया

केंद्र सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए दावा किया कि इस दौरान देश ने कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण महसूस किए.

आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की ताजा कड़ी में देशवासियों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात सालों में भारत ने किसी के दबाव में आए बगैर अपने संकल्पों से कदम उठाया और देश के खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया.

उन्होंने कहा, ‘इन सात वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है. देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से हम सभी ने काम किया है.’

मोदी ने कहा, इन सात वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वह देश और देशवासियों की रही है.

उन्होंने कहा, ‘कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं. जब हम ये देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है तो हम सबको गर्व होता है.’

उन्होंने कहा कि अब भारत अपने खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ वाब देता है और इससे देश का आत्मविश्वास भी बढ़ता है.

उन्होंने कहा, ‘जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती है तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं.’

पिछले सात सालों में बिजली, पानी, सड़क के अलावा बैंक खाते खोलने और आवास सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें इन सात सालों में लोगों की करोड़ों खुशियों में शामिल होने का मौका मिला.

आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब कोई गरीब मुफ्त इलाज से स्वस्थ होकर घर आता है तो उसे लगता है कि उसे नया जीवन मिला है. उसे भरोसा होता है कि देश उसके साथ है. ऐसे कितने ही परिवारों के आशीर्वचन, करोड़ों माताओं का आशीर्वाद लेकर हमारा देश मजबूती के साथ विकास की ओर अग्रसर है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं सात सालों में भारत ने डिजिटल लेनदेन में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है और आज किसी भी जगह आसानी से चुटकियों में पैसे भेजे जा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि गत सात वर्षों में ही देश के अनेकों पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं और इनकी वजह से पूर्वोतर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है.

उन्होंने कहा, ‘ये सब काम जो दशकों में भी नहीं हो सके, इन सात सालों में इसीलिए संभव हुआ, क्योंकि इस दौरान हमने सरकार और जनता से ज्यादा एक देश के रूप में काम किया, एक टीम के रूप में काम किया.’

कोरोना महामारी से देश की लड़ाई का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सात सालों में देश ने जहां कई सफलताएं हासिल की वहीं उसे कई कठिन परीक्षाओं के दौर से भी गुजरना पड़ा, लेकिन इन सबके बावजूद देश मजबूत होकर निकला है.

उन्होंने कहा, ‘यह तो एक ऐसा संकट है, जिसने पूरी दुनिया को परेशान किया है. कितने ही लोगों ने अपनों को खोया है. बड़े-बड़े देश भी इसकी तबाही से बच नहीं सके हैं. इस वैश्विक-महामारी के बीच भारत, ‘सेवा और सहयोग’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है.’

भारत ने ‘अभूतपूर्व उपलब्धि’ हासिल की : शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी सरकार के सात साल पूरे होने के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि इस अवधि में देश ने सुरक्षा, जन कल्याण और सुधार के क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व उपलब्धि’ हासिल की है.

शाह ने कई ट्वीट कर मोदी को गरीबों, किसानों और वंचितों का जीवन स्तर सुधारने और उन्हें मुख्य धारा में लाने का श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि उनके मजबूत नेतृत्व में समग्र और कल्याणकारी नीतियां अपनाई गई है और भारत शक्तिशाली राष्ट्र बन रहा है.

शाह ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के अभूतपूर्व उपलब्धियों से परिपूर्ण सात वर्ष पूरे होने पर मोदी जी का अभिनंदन करता हूं. मोदी सरकार ने विकास, सुरक्षा, जनकल्याण और ऐतिहासिक सुधारों के समांतर समन्वय का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है.’

उन्होंने कहा, ‘इन सात वर्षों में मोदी जी ने एक ओर देशहित को सर्वोपरी रखकर अपने दृढसंकल्प और सर्वस्पर्शी व कल्याणकारी नीतियों से गरीब, किसान व वंचित वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़कर उनके जीवन को बेहतर बनाया है तो वहीं दूसरी ओर अपने मजबूत नेतृत्व से भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाया.’

शाह ने ट्वीट किया, ‘विगत सात साल से देश की जनता ने मोदी जी की सेवा और समर्पण पर निरंतर अपना अटूट विश्वास जताया है, जिसके लिए मैं देशवासियों को नमन करता हूं. मुझे पूर्ण विश्वास है कि मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हम हर चुनौती पर विजय प्राप्त कर भारत की विकास यात्रा को अविरल जारी रखेंगे.’

कोविड-19 के बीच भाजपा राहत कार्य कर रही, विपक्ष पृथकवास में: नड्डा

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान उनकी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता राहत कार्य में जुटे हुए हैं जबकि विपक्षी पार्टियां पृथकवास में चली गई हैं.

केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सात साल पूरे होने के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सभी सांसद, मंत्री और विधायक इस अवसर पर कोविड नियमों और लॉकडाउन के निर्देशों का पालन करते हुए कम से कम दो गांवों के लोगों की सेवा करेंगे.

नड्डा ने दावा किया कि महामारी के दौरान भाजपा कार्यकर्ता लोगों के साथ खड़े रहे, जबकि विपक्षी नेता केवल डिजिटल तरीके से संवाददाता सम्मेलन करते नजर आए. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच भाजपा के कार्यकर्ता और नेता राहत कार्यों में जुटे हैं जबकि विपक्षी दल कहीं नहीं दिख रहे हैं.

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि आज जो लोग कोविड-19 रोधी टीके को लेकर शोर मचा रहे हैं पहले वह इन टीकों पर ही संदेह प्रकट कर रहे थे.

भाजपा केंद्र में अपनी सरकार बनने की वर्षगांठ ‘सेवा दिवस’ के रूप में मना रही है और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पार्टी ने जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है. इसके बजाय उसने ‘सेवा ही संगठन है’ अभियान के तहत राहत कार्य शुरू किए हैं.

भाजपा अध्यक्ष ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘महामारी के दौरान भाजपा कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों के साथ खड़े हैं. लेकिन विपक्ष पृथकवास में चला गया है. वह केवल डिजिटल बैठकों में या ट्विटर पर ही दिखाई देता है.’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘कुछ लोग साधक होते हैं और कुछ लोग बाधक होते हैं. साधक का काम है साधना करना और हमें पता है कि बाधा पहुंचाने वाले भी हमेशा मिलेंगे, लेकिन हमें अपने रास्ते से डिगना नहीं है.’

नड्डा ने कोविड-19 के दौरान मोदी सरकार द्वारा किए गए काम की सराहना की.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘कोरोना काल में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हर भारतीय की चिंता करते हुए तुरंत राहत पैकेज घोषित किए. सरकारी तंत्र, संगठन व सभी से जरूरतमंदों की मदद करने का आह्वान किया. भाजपा ने मोदी जी के मंत्र ‘सेवा ही संगठन’ को आत्मसात करके करोड़ों लोगों तक मदद पहुंचाई.’