वैदिक ज्ञान की धरोहर को संजोने के लिए वैदिक हेरिटेज पोर्टल तैयार

संस्कृति मंत्रालय की पहल पर ढाई वर्षों से चल रहा था काम, प्रधानमंत्री कर सकते हैं औपचारिक उद्घाटन.

/

संस्कृति मंत्रालय की पहल पर ढाई वर्षों से चल रहा था काम, प्रधानमंत्री कर सकते हैं औपचारिक उद्घाटन.

vaidik portal

नई दिल्ली: वैदिक ज्ञान की प्राचीन धरोहर को संजोने और इस परंपरा के बारे में विभिन्न वर्गों के लिए चर्चा का एक मंच तैयार करने के उद्देश्य से संस्कृति मंत्रालय की पहल पर वैदिक हेरिटेज पोर्टल तैयार किया गया है. इस पर ढाई वर्षों से काम चल रहा था और अब जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका औपचारिक उद्घाटन कर सकते हैं.

यूनेस्को ने साल 2008 में भारत के वैदिक मंत्रोच्चार को मानवता के संदर्भ में अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया था. वैदिक ज्ञान की इसी परंपरा के संरक्षण के मकसद से शुरू की गई इस परियोजना का डिजाइन और विकास संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) की ओर से किया जा रहा है.

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के संस्कृति संयांत्रिकी संचार प्रकोष्ठ के निदेशक प्रतापानंद झा ने कहा कि इस पोर्टल को तैयार करने का मकसद वेदों में उल्लिखित संदेशों और संवाद को आधुनिक संदर्भ और वर्तमान परिदृश्य से जोड़ते हुए इसे देश और दुनिया के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाना और इस परंपरा का संरक्षण करना है.

आईजीएनसीए के वरिष्ठ प्रोग्रामर उमेश बत्रा ने कहा कि वैदिक हेरिटेज पोर्टल के निर्माण का प्रथम चरण पूरा हो गया है. इस पर पिछले करीब ढाई वर्षों से काम चल रहा था. इसके तहत पोर्टल पर 10 हजार से अधिक मंत्र अपलोड कर दिए गए हैं. इसके साथ ही वैदिक ऋचाओं, मंत्रों एवं सामग्रियों को भी पोर्टल पर डाला गया है. इसके साथ आडियो, वीडियो सामग्री भी अपलोड की गई है. इन सामग्रियों के साथ इनका अनुवाद और टीका भी जारी किया गया है ताकि लोगों को समझाने में कोई दिक्कत नहीं हो.

पोर्टल तैयार करने में गोरखपुर स्थित गीता प्रेस के अलावा उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, स्वाध्याय मंडल, श्री श्री रविशंकर के आर्ट आफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर, वैदिक शिक्षा मंडल समेत कई अन्य संस्थाओं एवं अनेक विद्वानों की मदद ली गई है.

बत्रा ने बताया कि इस पोर्टल को तैयार करते समय काफी सावधानी बरती गई है और यह खास तौर पर ध्यान रखा गया है कि कोई त्रुटि नहीं रह जाए. पोर्टल का दूसरा चरण शुरू किए जाने के बारे में पहल की जा रही है. संस्कृति मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस पोर्टल का जल्द ही औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन कर सकते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि वैदिक हेरिटेज पोर्टल को तैयार करते समय वर्तमान परिदृश्य में इसके महत्व को ध्यान में रखा गया है. यह पोर्टल उपयोगकर्ताओं को वेदों के बारे में एक स्थान पर सभी तरह की जानकारी उपलब्ध कराएगा जो मौखिक वेद परंपरा से लेकर ऋचाओं, पांडुलिपियों, दर्शन, पुस्तकों के रूप में प्रकाशित सामग्रियों से संबंधित होगी.

इस पोर्टल पर ऋग्वेद, सामवेद, यर्जुर्वेद और अथर्ववेद के बारे में जानकारी, उपलब्ध पांडुलिपि एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों में वैदिक संहिता के बारे में उपयोग किए जा रहे वेद पाठ की जानकारी प्रदान की गई है.

इसके अलावा वर्तमान संदर्भ में विभिन्न विद्वानों की ओर से वैदिक ज्ञान के महत्व और उसके बारे में जागरूकता फैलाने के बारे में उनके विचारों की रिकार्डिंग भी पेश की गई है. इसके अलावा वैदिक संहिताओं, अरण्यक, उपनिषदों, वेदांगों के बारे में उपलब्ध पांडुलिपियों और लिखित सामग्रियों को भी उपलब्ध कराया गया है. दृश्य श्रव्य माध्यम के रूप में श्रौत सूत्रों पर आधारित वैदिक परंपराओं एवं अनुष्ठानों को भी पोर्टल पर पेश किया गया है.

वैदिक हेरिटेज पोर्टल पर वैदिक सामग्रियों की एक स्थायी गैलरी भी तैयार की गई है जिसमें वैदिक यज्ञ में उपयोग में आने वाली विधियों और उपकरणों को प्रदर्शित किया गया है. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र से अधिकारियों ने बताया कि इस पोर्टल को तैयार करते हुए यह ध्यान रखा गया है कि वैदिक ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान के परिदृश्य में पेश किया जा सके.

यह विशेष तौर पर विज्ञान, गणित, चिकित्सा, खगोलशास्त्र, स्थापत्यकला, विधि प्रणाली, धातुकर्म, दर्शनशास्र, पर्यावरण अध्ययन, वैमानिकी, ज्योतिष विज्ञान, परंपराओं आदि के विषय पर वैदिक दृष्टिकोण को दुनिया के समक्ष लाने का प्रयास है.

उन्होंने बताया कि यह एक वृहद कार्य रहा है और प्रथम चरण में इसके तहत तीन उपयोगकर्ता वर्गों को ध्यान में रखा गया है. इनमें से पहला ऐसे लोगों से संबंधित है जो पारंपरिक वैदिक शिक्षा के साथ जुड़े हुए हैं. दूसरा ऐसे लोगों के लिए है जो वेद और उसके संदर्भ को जानना चाहते हैं और तीसरा ऐसे पेशेवरों के लिए है जो आधुनिक संदर्भ से वेद को जोड़ना चाहते हैं.

उन्होंने बताया कि इस वैदिक हेरिटेज पोर्टल का मुख्य उद्देश्य वेद और वैदिक ज्ञान की खो रही परंपरा के बारे में जानकारियों का संकलन करना और उसे लोगों के लिए आनलाइन माध्यम से सुगम बनाने के साथ इस विषय पर विविध प्रकार की चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करना है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games